अध्यक्ष धोली ने कहा कि जौहर स्मृति मेला सिर्फ क्षत्रिय समाज का ही नहीं है, इस आहुति में सभी समाजों का योगदान रहा है। इस मेले में क्षत्रिय समाज की अधिकाधिक सहभागिता के साथ सर्व समाज के लोगों की भी अधिकाधिक सहभागिता हो, ऐसे प्रयास होने चाहिए।
महामंत्री भंवरसिह ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सांसद मद से निर्मित रसोई शाला निर्माण, द्वितीय मंजिल पर भवन निर्माण आदि कार्यों की जानकारी सदन को दी गई । मेले में आमंत्रित किए जाने वाले धर्म गुरूओं, अतिथियों, के नामों पर चर्चा की गई। इस पर सर्व समाजों के साथ 13 फरवरी को सुबह 10 बजे होने वाली बैठक के बाद निर्णय किया जाएगा। महेन्द्रसिंह मेवाड़ ने इस मेले में आने की सहमति दे दी है।
समितियों का गठन किया जौहर मेले के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया। वीर पूजा समिति में भूपतसिंह, नरेन्द्रसिंह,
कल्याण सिंह राठौड़, गोपालसिंह भाटी, यशवत सिंह झाला, मालमसिंह, भंवरसिंह झाला, यज्ञ समिति में देवेन्द्र सिंह शेखावत, रूपसिंह शक्तावत, गंगासिंह, कमलेश भट्ट,
आवास व भोजन व्यवस्था बिरला सराय
दुर्ग (महिला) प्रतापसिंह, बलवीर सिंह राठौड़, रतनसिंह शक्तावत, रूपसिंह सुरजपोल, पांडाल व्यवस्था में प्रदीपसिंह,
हर्षवर्धन सिंह, सूर्यपाल सिंह सोलंकी, सांस्कृतिक व कवि सम्मेलन समिति में अनिल सिंह, नवीन सारथी, हिम्मतसिंह उज्वल, कानसिंह, सोहनसिह सावा, लालसिंह, रश्मि सक्सेना, सुरेन्द्रसिंह
खेलकूद समिति में अनिरूद्ध सिंह चावण्ड सिंह, शैतान सिंह शक्तावत, दलपतसिंह तिलोली, गोविंदसिंह, गजेन्द्रसिंह, कानसिंह, गोपालसिंह भाटी को शामिल किया है। यह भी निर्णय किया गया कि जौहर मेले में भाग लेने वाले नि:शक्त, बुजुर्ग, माता-बहनों, छोटे बालकों आदि के आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए पाडनपोल से नि:शुल्क वाहन उपलब्ध रहेंगे।
इन वाहनों पर जौहर मेले का बैनर लगा होगा। इस व्यवस्था की जिम्मेदारी ईश्वरसिंह को दी गई है। मेला मुम्य स्थल पर सर्व समाजों के दाधिकारियों को श्रृद्धांजलि के लिए आमंत्रित करने का निर्णय किया गया। नारायणसिंह चिकलाना ने जौहर विशेषांक निजी खर्चे पर प्रकाशित करने की सहमति दी। उपाध्यक्ष तख्तसिंह ने आभार व्यक्त किया।