अब ऑटो, टैंपो व ई-रिक्शा में म्यूजिक बजा तो कटेगा चालान, महिलाएं बोलीं- थैंक्यू Lucknow Police
खुद बच्चों के बीच जाते हैं पुलिस के अफसरपाठा की पाठशाला की इस मुहिम में डीएम व पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर थाना स्तर तक के पुलिसकर्मी खासी भूमिका निभा रहे हैं। जिलाधिकारी (डीएम) शेषमणि पांडेय एसपी मनोज कुमार झा व अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) बलवंत चौधरी खुद बच्चों के बीच जाकर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मुहिम के तहत बच्चों को शिक्षण सामग्री भी वितरित की जाती है।
पुलिस (UP Police) की इस मुहिम का सकारात्मक असर भी क्षेत्र में दिखने लगा है। बीहड़ के जिन इलाकों में डकैतों के डर से बच्चे स्कूल जाने से कतराते थे, आज वहां बस्ता लेकर बच्चे जाते दिखते हैं। इस अभियान के तहत पुलिस 800 से अधिक बच्चों को स्कूल के मुहाने तक पहुंचाने में कामयाब हुई है। अब तक जिन कोल आदिवासियों के बीच डकैतों के साथ-साथ पुलिस को लेकर भी दहशत व अविश्वास का माहौल था, उनके बीच पुलिस काफी हद तक अपनी नई पहचान बनाने में सफल रही है।
पाठा को डकैतों से मुक्त करने का अभियान (Patha ki Pathshala) तो जारी है ही, शिक्षा के प्रति कोल आदिवासियों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि भविष्य में कोल आदिवासी युवा जुर्म के रास्ते पर न चलें।- मनोज कुमार झा, एसपी चित्रकूट