बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर लंबा, तीन साल में बनकर तैयार होगा।
चित्रकूट के गोड़ा गांव से होगा शुरू, लागत करीब 15 हजार करोड़ रुपए।
बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन व इटावा से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे में मिलेगा
एक्सप्रेस वे चार लेन का होगा, विस्तार छह लेन तक किया जा सकता है।
बुंदेलखंड की सीधी रोड कनेक्टिविटी लखनऊ और दिल्ली से हो जाएगी।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनने के बाद महज पांच घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली।
एक्सप्रेसवे के किनारे डिफेंस कॉरिडोर किया जाएगा विकसित।
एक्सप्रेसवे पर बनेंगे चार रेल पुल, 15 बड़े पुल, 268 छोटे पुल।
छह टोल प्लाजा, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास भी बनेगा।
बुंदेलखंड का जुड़ाव यमुना एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होगा।
बुंदेलखंड का विकास होगा। वाहनों में ईंधन खपत कम व प्रदूषण भी घटेगा। कृषि, वाणिज्यिक, पर्यटन और उद्यमिता के लिए राह आसान होगी। उत्पादन इकाइयों के लिए औद्योगिक कॉरिडोर का विकास किया जाएगा। हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, मंडी, भंडारण गृह व दुग्ध उद्योग लगेंगे। बुंदेलखंड के 138, इटावा व औरैया के 44 गांवों का सीधा जुड़ाव होगा। औद्योगिक प्रशिक्षण इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान खुलने में आसानी होगी।