फैशन के अनुसार अपडेट हो रहे खादी के वस्त्र
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग खादी के परिधानों में नजर आएंगे। शहर के दो दुकानों में खादी के वस्त्र भी खूब बिक रहे हैं। गोलगंज में खादी ग्रामोद्योग भंडार की वर्ष 1960 से दुकान संचालित हो रही है। तिलकराम पटले ने बताया कि वह विगत दो वर्ष से यहां पदस्थ हैं। समय के साथ खादी के वस्त्र भी अपडेट हुए हैं। इस वजह से अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा, महिलाएं भी पसंद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि खादी के कुर्ते 800 रुपए से शुरु हैं। पैजामा 650 रुपए में मिलती है। इसके अलावा कपड़ा 150 से 500 रुपए मीटर, चादर 500 रुपए, वुलेन शॉल 600, शर्ट 550 से 850 रुपए, झंडा 400 से लेकर 2500 रुपए तक, गमछा 150 से 250 रुपए तक, रूमान 40 रुपए, गांधी जी की टोपी 80 रुपए तक मिलती है। इसके अलाव भी कई ऐसे सामान हैं जो लोगों के लिए फायदेमंद हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग खादी के परिधानों में नजर आएंगे। शहर के दो दुकानों में खादी के वस्त्र भी खूब बिक रहे हैं। गोलगंज में खादी ग्रामोद्योग भंडार की वर्ष 1960 से दुकान संचालित हो रही है। तिलकराम पटले ने बताया कि वह विगत दो वर्ष से यहां पदस्थ हैं। समय के साथ खादी के वस्त्र भी अपडेट हुए हैं। इस वजह से अब बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा, महिलाएं भी पसंद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि खादी के कुर्ते 800 रुपए से शुरु हैं। पैजामा 650 रुपए में मिलती है। इसके अलावा कपड़ा 150 से 500 रुपए मीटर, चादर 500 रुपए, वुलेन शॉल 600, शर्ट 550 से 850 रुपए, झंडा 400 से लेकर 2500 रुपए तक, गमछा 150 से 250 रुपए तक, रूमान 40 रुपए, गांधी जी की टोपी 80 रुपए तक मिलती है। इसके अलाव भी कई ऐसे सामान हैं जो लोगों के लिए फायदेमंद हैं।
पत्रिका का आव्हान
पत्रिका द्वारा 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘एक दिन खादी के नाम’ अभियान चलाया जा रहा है। यह दिन हम उन हस्तशिल्पियों और बुनकरों को समर्पित करना चाहते हैं जिनके हाथ चरखा चलाकर सूत कातते हैं। पत्रिका सभी से आव्हान करती है कि 15 अगस्त को आइए हम सभी खादी के बनें कपड़े पहने और स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हों। आप हमें खादी कपड़ा पहनकर मो. 8516834966 सेल्फी भी भेजें। चुनिंदा फोटो हम पत्रिका में प्रकाशित करेंगे।
पत्रिका द्वारा 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ‘एक दिन खादी के नाम’ अभियान चलाया जा रहा है। यह दिन हम उन हस्तशिल्पियों और बुनकरों को समर्पित करना चाहते हैं जिनके हाथ चरखा चलाकर सूत कातते हैं। पत्रिका सभी से आव्हान करती है कि 15 अगस्त को आइए हम सभी खादी के बनें कपड़े पहने और स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हों। आप हमें खादी कपड़ा पहनकर मो. 8516834966 सेल्फी भी भेजें। चुनिंदा फोटो हम पत्रिका में प्रकाशित करेंगे।
कुलपति ने भी की अपील
राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा की कुलपति डॉ. लीला भलावी ने कहा कि मैं उन संस्थाओं से प्रारंभ से ही जुड़ी रही हूं जहां खादी के वस्त्रों को प्राथमिकता दी जाती थी। मैं हमेशा खादी के वस्त्र ही पहनती हूं। अपने विश्वविद्यालय के सभी स्टॉफ एवं अन्य लोगों से अपील करूंगी कि वे खादी के वस्त्र पहनकर 15 अगस्त शान से मनाएं। वहीं एक्सीलेंस कॉलेज प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीचंद ने कहा कि खादी देश की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक रही है। खादी के वस्त्र पहनना अपने देश के प्रति प्रेम और भक्तिभाव को प्रदर्शित करना भी है। मैं सभी बच्चों एवं स्टॉफ से अपील करूंगा कि वे 15 अगस्त के दिन खादी के वस्त्रों पहनकर आएं। स्वदेशी को बढ़ावा दें।
राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा की कुलपति डॉ. लीला भलावी ने कहा कि मैं उन संस्थाओं से प्रारंभ से ही जुड़ी रही हूं जहां खादी के वस्त्रों को प्राथमिकता दी जाती थी। मैं हमेशा खादी के वस्त्र ही पहनती हूं। अपने विश्वविद्यालय के सभी स्टॉफ एवं अन्य लोगों से अपील करूंगी कि वे खादी के वस्त्र पहनकर 15 अगस्त शान से मनाएं। वहीं एक्सीलेंस कॉलेज प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीचंद ने कहा कि खादी देश की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक रही है। खादी के वस्त्र पहनना अपने देश के प्रति प्रेम और भक्तिभाव को प्रदर्शित करना भी है। मैं सभी बच्चों एवं स्टॉफ से अपील करूंगा कि वे 15 अगस्त के दिन खादी के वस्त्रों पहनकर आएं। स्वदेशी को बढ़ावा दें।