छह साल से लघु वनोपज के नहीं बढ़ाए गए समर्थन मूल्य
अचार, गुठली, आंवला समेत लघु वनोपज के वर्ष 2019 में तय किए थे मूल्य, अभी तक नहीं आए मूल्यवृद्धि के प्रस्ताव
छिंदवाड़ा.अचार गुठली, आंवला, हर्रा,बहेड़ा समेत अधिकांश लघु वनोपज के समर्थन मूल्य में छह साल से वृद्धि नहीं की गई है। इसके व्यापार में बिचौलियों का कब्जा है। महुआ को छोड़ दिया जाए तो शेष लघु वनोपज पर समर्थन मूल्य पर खरीदी न के बराबर है।
छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिले के 11,815 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में 3.51 लाख हैक्टेयर यानि 29.73 प्रतिशत हिस्से में जंगल है। इनमें 53 वानिकी प्रजातियां पाई जाती है। राज्य शासन ने वर्ष 2019 में 32 लघु वनोपजों की खरीदी का सरकारी समर्थन मूल्य घोषित किया था। इसके लिए 24 अपनी दुकानों का निर्माण भी किया गया है। तब से लेकर अब तक लघु वनोपज का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया है।
मैदानी स्तर पर देखने में आया है कि लघु वनोपज को खरीदने में बिचौलिए जितनी तेजी दिखाते है उतने मैदानी वन कर्मचारी नहीं। इसके चलते लघु वनोपज का 99 प्रतिशत व्यापार बिचौलियों के हाथों में हैं। वे वनवासियों से अत्यंत कम मूल्य पर वनोपज खरीदते हैं।
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लघु वनोपज की सरकारी निर्धारित दर
क्र लघु वनोपज न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति किलो
- आचार गुठली 130 रुपए
- पलास लाख 200
- कुसुम लाख 275
- हर्रा 20
- बहेड़ा 25
- बेलगूदा 30
- बकोड़ा बीज 20
- शहद 225
- महुआ फूल 35
- महुआ बीज 35
- करंज बीज 40
- नीम बीज 30
- साल बीज 20
- नागरमोथा 35
- जामुन बीज 42
- आंवला गूदा 52
- भिलावा 9
- अनंत मूल 35
- अमलतास बीज 13
- अर्जुन छाल 21
- गिलोय 40
- कींच बीज 21
- कालमेघ 35
- बायबिडंग बीज 94
- धवई फूल 37
- वन तुलसी पत्तियां 22
- कुटज 31
- मकोय 24
- अपंग पौधा 28
- इमली बीज सहित 36
- सतावरी की सूखी जड़ 107
- गुड़मार 41
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इनका कहना है…
लघु वनोपज के समर्थन मूल्य भोपाल से तय होते हैं। अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं आए हैं। हर वर्ष तय समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही है।
-एलके वासनिक, डीएफओ दक्षिण वनमण्डल।
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