महिलाओं को इसलिए करना पड़ता शोषण का सामना, आप भी जानें
आंगनबाड़ी सहायिकाओं को विधिक सेवा प्राधिकारण के बारे में बताया
प्रशिक्षण केंद्र में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
छिंदवाड़ा. महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी के अभाव में शोषण का सामना करना पड़ता था। विधिक जागरुकता के बाद उन्हें अपने अधिकारी समझने में आसानी हुई है। विधिक सेवा प्राधिकरण छिंदवाड़ा की पहल पर जन सामान्य को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान कर उन्हें न्याय दिलाने का काम निरंतर किया जा रहा है।
शनिवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केंद्र छिंदवाड़ा में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश वीएस भदौरिया के निर्देशन में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विजय सिंह कावछा, पैरालीगल वॉलेंटियर श्यामल राव की उपस्थिति में कार्यक्रम किया गया। इसमें आंगनबाड़ी सहायिकाओं को बुलाया गया था। विजय सिंह कावछा ने विधिक सेवा प्राधिकरण से संचालित नालसा एवं सालसा की योजनाओं के बारे में बताया। लोक आदालत योजना, अधिकार लोक उपयोगी सेवा, नि:शुल्क अधिवक्ता योजना, आपसी विवाद, जिला विधिक परामर्श केंद्र योजना, पारिवारिक विवाद साधान केंद्र योजना, विवाद विहीन ग्राम योजना, महिला एवं बाल सुरक्षा योजना, लीगल एक्ट क्लीनिक जैसे कार्यों की विस्तृत रूप से जानकारी उन्होंने दी। पैरालीगल वॉलेंटियर श्यामल राव ने उनके मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। महिलाओं के लिए शासन की ओर से संचालित योजनाओं में दहेज विरोधी अधिनियम 498 ए, पीएनडीटी एक्ट 1994, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 , किशोर न्याय बालाकों का संरक्षण अधिनियम 2015, पॉक्सो एक्ट 2013, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, जैसे अहम कानूनों की भी जानकारी दी गई। विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के पाम्पलेट भी वितरित किए गए।
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