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छिंदवाड़ा

भाजपा…इस वजह से ये चार निष्कासित, कारण जानकर चौंक जाएंगे आप

भाजपा जिला अध्यक्ष ने उठाया कदम, कहा.. क्रॉस वोटिंग के बाद तुरंत ही भाजपा कार्यालय में की थी गाली गलौज

छिंदवाड़ाNov 17, 2024 / 11:46 am

manohar soni

BJP

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छिंदवाड़ा नगर निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो के खिलाफ पिछले माह अक्टूबर में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में हुई क्रॉस वोटिंग के मामले में भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने शनिवार को बड़ा कदम उठाया। उन्होंने दो महिला पार्षद किरण हरिओम सोनी, पूर्णिमा मालवी, वरिष्ठ नेता शिव मालवी तथा पूर्व पार्षद संतोष राय को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने जारी एक पत्र में कहा कि विगत 8 अक्टूबर मंगलवार को नगर निगम अध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के उपरांत इन चारों नेताओं ने भाजपा जिला कार्यालय पहुंचकर पार्षदों के साथ गाली-गलौच की थी और पार्टी कार्यकर्ताओं को गद्दार जैसे अपशब्दों का प्रयोग करते हुए अनर्गल आरोप लगाए थे। साथ ही महिला पार्षदों के साथ भी अभद्रता की थी। इसके चलते पहले जिला भाजपा ने इन पार्षद और भाजपा नेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया। फिर संतोषजनक जवाब ना आने पर उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है।
यहां बता दें कि पिछले माह अक्टूबर की शुरुआत में भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने पार्षदों की एक बैठक ली थी। जिसमें नगर निगम अध्यक्ष सोनू मांगों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने 32 पार्षदों की सहमति बनाई थी। इसका एक पत्र कलेक्टर को सौंपा था। इस पत्र के आधार पर कलेक्टर ने 8 अक्टूबर को नगर निगम के पार्षदों का एक सम्मेलन बुलाया था। सम्मेलन के दौरान अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 पार्षदों का मत जरूरी था लेकिन भाजपा केवल 27 पार्षदों का मत हासिल कर सकी। जबकि कांग्रेस के पास 14 पार्षदों का मत था। उसे 7 भाजपा पार्षदों के अतिरिक्त मत से कुल 21 वोट हासिल हो गए। इससे निगम अध्यक्ष के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा वहीं कांग्रेस अल्पमत के बावजूद जीत गई। इस घटनाक्रम की भाजपा के जिला से लेकर प्रांतीय नेतृत्व तक काफी आलोचना हुई। यहां तक कि भाजपा पार्षदों को एक बार भोपाल तक जाना पड़ा।

नगर निगम में यह थी दलीय स्थिति
नगर निगम में एक महापौर और 48 वार्ड पार्षद है। इनमें भाजपा के पास 34 और कांग्रेस के पास 14 पार्षद हैं। वर्ष 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में कांग्रेस से महापौर विक्रम अहके चुने गए थे। कांग्रेस के 28 तथा भाजपा के 20 पार्षद निर्वाचित हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 14 पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इससे नगर निगम में भाजपा का बहुमत आ गया है।

प्रदेश महामंत्री के समक्ष अभद्रता, 23 पार्षदों ने की थी शिकायत: यादव
भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद सभी भाजपा पार्षद कार्यालय आए थे। इसी दौरान इन पार्षदों और भाजपा नेताओं ने प्रदेश भाजपा महामंत्री भगवान दास सबनानी और उनके समक्ष कुछ पार्षदों से अभद्रता की थी। इसकी शिकायत 23 पार्षदों ने लिख कर दी थी। इसके चलते इन पार्षद और भाजपा नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी कार्यकर्ता अनुशासित पार्टी से हैं। कोई भी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है।
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वर्ष 2022 में टिकट काटी थी, फिर निर्दलीय चुनाव लड़ी थी किरण सोनी

भाजपा ने शनिवार को जिन चार भाजपा नेताओं को निलंबित किया है उनमें पार्षद किरण हरिओम सोनी का अलग ट्रैक रिकार्ड रहा है। उस समय भाजपा नेतृत्व ने छोटा बाजार स्थित उनके वार्ड से उनकी टिकट काट दी थी। उनके स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट दे दी थी। इस पर किरण सोनी ने निर्दलीय चुनाव फॉर्म भरा और अच्छे वोटो से जीत हासिल की। इसके बाद भाजपा में शामिल हो गई थी। यह दूसरा मौका है जब उन्हें भाजपा से बाहर होना पड़ा है।

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