पेंच टाइगर रिजर्व से कूनो व सतपुड़ा भेजे गए सबसे अधिक
छिंदवाड़ा. पेंच टाइगर रिजर्व में 50 हजार से ज्यादा चीतल चहल-कदमी कर रहे हैं। इनकी अधिकता के कारण पेंच में घास के मैदानों की कमी और दूसरे वन्यप्राणियों के विचरण में समस्या आ रही है। ऐसे में पेंच से चीतलों को दूसरे ऐसे अभयारण्य और जंगलों में शिफ्ट किया जा रहा है, जहां इनके रहने से बाघ, तेंदुआ, चीता और दूसरे वन्यप्राणियों को शिकार आसानी से मिल सके और उनकी तादाद बढ़े। चीतलों के शिफ्टिंग का काम मानसून में भी जारी है। पेंच टाइगर रिजर्व से अब तक चार हजार से ज्यादा चीतल कूनो, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व व खंडवा भेजे जा चुके हैं। प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में से पेंच में सबसे अधिक चीतल हैं। यही कारण है कि यहां से सबसे ज्यादा चीतल अन्य स्थानों पर भेजे जा रहे हैं।
पेंच टाइगर रिजर्व से प्रदेश के कई स्थानों पर चीतल भेजे जा रहे हैं। अब तक सबसे अधिक चीतल कूनों और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेजे गए हैं। प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में से पेंच टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक 50 हजार से अधिक चीतल हैं। वहीं प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व व राष्ट्रीय उद्यान में चीतलों की संख्या काफी कम है। पेंच में बढ़ते चीतलों की संख्या को संतुलित करने के साथ अन्य टाइगर रिजर्व, उद्यान में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है।