scriptModern farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान मालामाल, मुनाफा एक करोड़ रुपए | Patrika News
छिंदवाड़ा

Modern farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान मालामाल, मुनाफा एक करोड़ रुपए

– मोहखेड़ ब्लॉक के ग्राम भुताई में किसानों की पहल
– कलेक्टर ने निरीक्षण कर किया प्रोत्साहित

छिंदवाड़ाJan 10, 2025 / 10:34 am

prabha shankar

Modern farming

निरीक्षण के लिए पहुंचे किसान व अन्य अधिकारी।

मोहखेड़ ब्लॉक के ग्राम भुताई में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने किसान कैलाश पवार की स्ट्रॉबेरी की खेती का निरीक्षण किया। जिले में पहली बार हो रही इस अनूठी खेती को देखते हुए कलेक्टर ने इसे अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायक पहल बताया। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित करने और इससे किसानों की आय बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
किसान कैलाश पवार ने अपनी 5-6 एकड़ जमीन पर 1,30,000 स्ट्रॉबेरी पौधे लगाए हैं, जिनकी फसल 70 दिनों के भीतर तैयार हो जाती है। मार्च के अंत तक तुड़ाई का काम चलता है और फसल को जबलपुर, नागपुर, इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में आपूर्ति किया जाता है। पहले उनकी जमीन पथरीली होने के कारण टर्नओवर 80 लाख रुपए तक सीमित था, जिसमें से शुद्ध लाभ 30 लाख रुपए होता था। अब स्ट्रॉबेरी और सब्जियों के उत्पादन से उनका टर्नओवर 2 से 2.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है और उन्हें एक करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हो रहा है।

सलैया में पहली बार अमेरिकन पाप कॉर्न की खेती

छिंदवाड़ा ब्लॉक के ग्राम सलैया में किसान जगदीश रघुवंशी के खेत में पहली बार छह एकड़ में अमेरिकन पॉपकॉर्न की फसल लगाई गई है। इसका अवलोकन करने गुरुवार को कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह पहुंचे। किसानों से चर्चा की एवं कांट्रैक्ट फॉर्मिंग कर लगाई गई फसल का निरीक्षण किया। साथ ही ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया का छिडक़ाव किया। कलेक्टर ने स्वयं ड्रोन चलाकर छिडक़ाव किया। सुपरसीडर से जीरो टिलेज तकनीक से गेहूं की उन्नत किस्मों की बोवनी का प्रदर्शन देखा, किसानों से चर्चा की। किसान संजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि सुपरसीडर से बोनी करने पर कम लागत कम पानी कम खरपतवार में मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ाते हुए अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। किसानों ने बताया कि नरवाई प्रबंधन की यह तकनीक क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित होगी।

नरवाई जलाने की घटना में आई कमी

इस वर्ष प्रशासन, कृषि विभाग के प्रयास से नरवाई जलाने की घटनाओं में अत्यंत कमी आई है। जिले में इस वर्ष लगभग 25 हजार एकड़ में सुपरसीडर/ हैपीसीडर द्वारा नरवाई प्रबंधन करते हुए जीरो टिलेज तकनीक से गेंहूं, चना व सरसों की बोवनी की गई है। फील्ड विजिट में उपसंचालक कृषि जितेंद्र कुमार सिंह, एसडीओ कृषि नीलकंठ पटवारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्रद्धा डेहरिया आदि उपस्थित हुए।

Hindi News / Chhindwara / Modern farming: स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान मालामाल, मुनाफा एक करोड़ रुपए

ट्रेंडिंग वीडियो