नई व्यवस्था से होंगे ये फायदे
कृषि उपज मंडी में सोमवार से बदली हुई व्यवस्था लागू हो जाएगी। मंडी में बारिश होने पर शेड में रखी हुई उपज की नीलामी के पहले या बाद में दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। अनाज गीले नहीं होने से तौल के दौरान अतिरिक्त अनाज नहीं देना पड़ेगा। न ही नीलामी के बाद उपज के दरों में बदलाव होगा। उल्लेखनीय है कि खुले परिसर में रखे हुए अनाज की नीलामी के बाद पानी से गीले होने के बाद कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं। कीमत कम होने से किसान भी नीलामी के बाद भी उपज बेचने के लिए कई बार तैयार नहीं होते हैं और व्यापारी बिना कटौती माल का उठाव नहीं करना चाहते। इन सब घटनाक्रमों से भी निजात मिलेगी।
शेड से नियमित उठाव होना जरूरी
मंडी में सोमवार से शुक्रवार तक उपज की आवक होती है। पहले शेड में ढेर उपज की नीलामी होने के नियम से किसानों में पहले शेड में ही ढेर करने की होड़ मचेगी। ऐसे में खाली शेड नहीं मिलने से किसानों में असंतोष उपजेगा। अफरा-तफरी की स्थिति बनेगी। इससे बचने के लिए हर दिन शेड से उपज का उठाव किया जाना जरूरी है। शेड में तौल एवं भुगतान के बाद भी बोरियों के रखे होने पर व्यापारियों एवं मंडी प्रबंधन की जबावदेही बढ़ जाएगी। मंडी सचिव सुरेश कुमार परते ने बताया कि व्यापारियों के इस निर्णय से किसानों को शेड में ही ढेर करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, व्यापारियों पर भी समय पर उठाव की जवाबदेही अधिक होगी।
बारिश को देखते हुए लिया निर्णय
छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ अध्यक्ष प्रतीक शुक्ला ने बताया कि आने वाले बारिश के मौसम को देखते हुए संघ ने यह निर्णय लिया है, जिसमें पहले शेड में रखी हुई उपज की नीलामी होगी।