पिछले जून में ही कलेक्टर कार्यालय से 24 अवैध कॉलोनियों के मामले पूरी जांच पड़ताल के उपरांत निगम आयुक्त को सौंपे गए थे। इसके उपरांत अब तक 14 कॉलोनियों के संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश निगम आयुक्त ने इंजीनियर्स को दिए हैं। इनमें से लगातार तीसरा सप्ताह है, जब इन इंजीनियर्स ने केवल छह कॉलोनियों से जुड़े कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। शेष आठ कॉलोनाइजर्स हैं, जिन पर एफआइआर नहीं की जा रही है। इस पर कलेक्टर ने हर बार सोमवार को हो रही समय सीमा की बैठक में निगम आयुक्त को एफआइआर करने के आदेश जारी किए। फिर भी अभी तक एफआइआर नहीं होना आश्चर्यजनक है। देखना होगा कि निगम आयुक्त कब तक सभी कॉलोनाइजर्स की एफआइआर करा पाते हैं। फिलहाल इस लेट लतीफी से निगम की कार्यशैली संदिग्ध होती जा रही है।
एक दिन पहले अवैध कॉलोनाइजर्स दुर्जन पिता किसनलाल पंद्राम सिवनी प्राणमोती की एफआइआर हुई थी। इससे पहले चार कॉलोनी से संबंधित मोहम्मद जैद अहमद पिता फिरोज मंसूर, दानिश खान पिता शराफत खान, सुनील कराड़े पिता काशीनाथ कराड़े, रायसिंह, श्रीराम और गोपाल पिता महतू तथा छठवें अनुप्रभा श्रीवास्तव, अमरदीप परसवानी परतला के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। नगर निगम आयुक्त सीपी राय का कहना है कि पांच और अवैध कॉलोनाइजर्स के रिकॉर्ड पुलिस ने जब्त कर लिए हैं। इस प्रक्रिया में समय लग रहा है। इसके लिए इंजीनियर्स प्रयासरत हैं। हम जल्द ही सभी अवैध कॉलोनाइजर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा देंगे।