मंदिर निर्माण के बाद श्रद्धालुओं के सहयोग से समिति द्वारा यज्ञ करवाकर मंदिर के ऊपर स्वर्ण कलश स्थापित किया गया। मंदिर का गुंबज कलश सहित 51 फीट का है। इस मंदिर में मुख्य देवी श्री दुर्गा माता, अन्नपूर्णा माता, शीतला माता, संतोषी माता, गणेश जी, हनुमान जी, कालभैरव, शिव जी आदि विराजमान है। आज भी लोग अपनी मन्नत पूरी करने देवी के दरबार में आते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित दयाराम शास्त्री हैं। मंदिर के सामने ब्रिज के नीचे एक सुंदर उद्यान बनाया गया है। नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भक्तों का तांता लगता है।