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छिंदवाड़ा

पेशी की तरह आना पड़ता है जन्मप्रमाण पत्र लेने, मिलती है तारीख पर तारीख

नही सुधर पा रही है जिला अस्पताल के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा की अवस्थाएं, प्रमाण पत्र पाने लग रहे तीन से चार महीने

छिंदवाड़ाDec 13, 2024 / 05:21 pm

Jitendra Singh Rajput

jila asptaal

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छिंदवाड़ा. बच्चें को पहचान के लिए सबसे पहले जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है जिसके लिए माता-पिता संघर्ष करते है। जिला अस्पताल में जन्में बच्चों को अपने जन्म प्रमाण पत्र के लिए कई महीनों का इंतजार करना पड़ रहा हैै। जन्म प्रमाण पत्र के लिए परिजन जिला अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन करते है लेकिन इस कार्यालय से वर्तमान में तारीख पर तारीख मिल रही है। अब तो परिजनों को ऐसा लगने लगा है कि वह जन्मप्रमाण पत्र लेने नहीं किसी अपराध की पेशी में आ रहे है जिसको लेकर उन्हें सिविल सर्जन कार्यालय से तारीख पर तारीख मिलती है।
जिला अस्पताल के इस कार्यालय की व्यवस्थाएं लंबे समय से बिगड़ी हुई है, वहां के कर्मचारी सर्वर की समस्या बताते है लेकिन उनकी लापरवाही तब सामने आती है जब कुछ लोगों को एक दिन में ही जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाता है। वर्तमान में आवेदन करने पर सीधे एक माह बाद की तारीख लिखकर दी जाती है फिर अगले और फिर उसके अगले महीनों की तारीख से कई महीने बीत रहे है।
  • रेहांती हो गई तीन माह की नहीं मिला प्रमाण पत्र

  • मोहखेड़ की रेहांती पिता प्रकाश पटेरिया जो कि सात दिसंबर 2024 को तीन माह की हो गई है, वह पिछले तीन महीनों से अपने मां व पिता के साथ जिला अस्पताल आ रही है लेकिन उसे भी तारीख पर तारीख मिल रही है। प्रकाश पटेरिया ने बताया कि रेहांती का जन्म सात सितंबर 2024 के बाद तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन कर दिया। उसके बाद वह सात अक्टूबर 2024 के बाद 25 नवंबर 2024 तथा 06 दिसंबर को जन्मप्रमाण पत्र के लिए पहुंचे लेकिन सिर्फ तारीख के अलावा कुछ नहीं मिल पाया है। रेहांती की मां कीर्ति ने बताया कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए जन्म प्रमाण पत्र लग रहा है। कार्यालय के बाहर ऐसे कई परिवार बैठे नजर आते है।
  • सीएम हेल्प लाइन में की शिकायत, तब बना

  • जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा की व्यवस्थाए इतनी बिगड़ी है कि जब तक परेशान होकर लोग सीएम हेल्प में शिकायत कर रहे है। शिकायत पर फोन कर उन्हें बुलाया जा रहा है तथा प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। उमरेठ के ग्राम कन्हरगांव निवासी पवन धुर्वे की पत्नी की डिलेवरी 20 सितंबर 2024 को हुई थी। बच्ची का जन्मप्रमाण पत्र पाने तीन माह से परेशान हो रहे थे, आखिरकार सीएम हेल्प लाइन में शिकायत करने पर ही उनको जन्मप्रमाण पत्र मिल पाया है। जिले भर के दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोग परेशान होते है तथा कई बार किराया लगातार पहुंच रहे है।
  • शपथ पत्र को लेकर हो रहे परेशान

  • वर्तमान में सिविल सर्जन कार्यालय में लोगों का जमावड़ा देखा जा सकता है। वहां पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में हाल ही में जन्म लिए बच्चे, पुराने जन्म प्रमाण पत्र को डिजीटल कराने तथा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लोग पहुंच रहे है। ऐसे में सभी से शपथ पत्र की मांग वहां के कर्मचारी कर रहे है। जिन बच्चों का जन्म जिला अस्पताल में हुआ है उनके डिजीटल प्रमाण पत्र जिला अस्पताल में बनना है लेकिन पुराना प्रमाण पत्र जमा करने के बाद नया प्रमाण पत्र देने में शपथ पत्र मांगा जा रहा है। जिस पर लोगों को 250 से 300 रुपए खर्च करने पड़ रहे है। लोगों को बीमा क्लेम, अपार आईडी, लाड़ली लक्ष्मी योजना में प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ रही है।

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