छिंदवाड़ा में गहरीकरण के दौरान कुआं धंसा, मां-बेटा समेत 3 लोग 30 फीट नीचे फंसे, 18 घंटे से रेस्क्यू जारी
Chhindwara Well Collapse : खूनाझिर खुर्द में कुआं गहरी करण के दौरान मिट्टी धंसने से अंदर काम कर रहे मां-बेटे समेत तीन मजदूर अंदर ही फंस गए हैं। बीते 18 घंटों से एसडीआरएफ और एडीआरएफ की टीमों के साथ पांच पोकलेन मशीनें अंदर फंसे लोगों के रेस्क्यू में जुटी हैं।
Chhindwara Well Collapse :मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित खूनाझिर खुर्द में कुआं गहरी करण के दौरान अचानक कुएं की मिट्टी धंसने से अंदर काम कर रहे तीन मजदूरों की जिंदगी अभी भी जिंदगी और मौत के बीच फंसी हुई है। पांच पोकलेन मशीनें समेत 50 से ज्यादा संख्या वाला बचाव दल मंगलवार शाम से लगातार अंदर फंसे लोगों को निकालने के प्रयास में जुटी हुआ है। लेकिन मिट्टी बार-बार धंस जाने के कारण बुधवार सुबह खबर लिखे जाने तक रेस्क्यू दल को सफलता नहीं मिल सकी है।
जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे कुएं के गहरीकरण कार्य में जुटे तीन मजदूरों को बचाने का काम खबर लिखे जाने तक भी जारी है। हालांकि, कुएं के मलब के बीच फंसी महिला सुबह 6 बजे तक बार-बार अंदर से बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन 6 बजे अचानक कुएं की मिट्टी धसकने के बाद उसकी आवाज आनी बंद हो गई। हालांकि, रेस्क्यू दल ने कुएं के अंदर लोहे की चादरें लगा दी थीं, ताकि मजदूरों पर मिट्टी न गिरे, इसी के चलते उन्हें उम्मीद है कि अंदर मौजूद मजदूर सुरक्षित हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
फिलहाल, मौके पर पांच पोकलेन मशीनों के साथ-साथ 50 से अधिक संख्या में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साथ स्थानीय प्रशासन के बचाव कर्मी काम कर रहे हैं। मामले को लेकर छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह का कहना है कि, खेत की मिट्टी काफी नम है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद धीमी गति से चलाना पड़ रहा है। क्योंकि, कुएं में बार बार मिट्टी धंसक रही है। ऐसे में बेह सावधानी से रेस्क्यू करना पड़ रहा है। फिलहाल, अंदर के हालात क्या हैं, इसपर स्पष्ट टिप्पणी करना मुश्किल है।
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