युवाओं को बताए ये टिप्स
- सुरक्षित पासवर्ड का इस्तेमाल- युवाओं को सलाह दी गई कि वे अपने ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।
- फिशिंग से बचाव- फिशिंग के जरिए साइबर अपराधी व्यक्तियों से व्यक्तिगत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। इसके बारे में युवाओं को सतर्क रहने और संदिग्ध ईमेल और संदेशों से बचने के लिए आगाह किया गया।
- ऑनलाइन पेमेंट में सतर्कता- ऑनलाइन शॉपिंग और पेमेंट करते समय युवाओं को सतर्क रहने की सलाह दी गई, साथ ही यह भी बताया गया कि किस प्रकार से क्रेडिट कार्ड और बैंक डिटेल्स को सुरक्षित रखा जा सकता है।
- सोशल मीडिया सुरक्षा- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निजी जानकारी साझा करने में सावधानी बरतने और पहचान छुपाने के तरीके बताए गए। युवाओं को यह भी बताया गया कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति से दोस्ती या चैट करते समय उन्हें सतर्क रहना चाहिए।
- साइबर बुलिंग से बचाव- साइबर बुलिंग से निपटने के उपायों पर भी चर्चा की गई और यह बताया गया कि किसी भी तरह की बदसलूकी या धमकी मिलने पर किससे मदद ली जा सकती है।
- सुरक्षित वेब सर्फिंग- वेबसाइटों पर जाने से पहले यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि वे सुरक्षित हैं और उनमें कोई मैलवेयर या वायरस तो नहीं है।
साइबर अपराध में फंसने पर किसे करें संपर्क
टॉक शो में युवाओं को यह भी बताया गया कि अगर वे साइबर अपराध का शिकार होते हैं या किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना करते हैं तो उन्हें किस तरह से तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी प्रदान किया गया। साइबर पोर्टल साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों के लिए एक सरकारी पहल है, जहां लोग ऑनलाइन अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं। वहीं हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकते हैं।
ये हुए शामिल
पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत जाहरुकता कार्यक्रम में कॉमर्स कोचिंग के संचालक महेन्द्र नायक, पिंकू चौहान, मोहम्मद सैफ, अरशद सिद्दकी, निकिता बुधरानी, भारत कुमारी पटेल, वंशिका असाटी, सिमरन खान, दीक्षा गुप्ता, खुशबू मेहर समेत अनेक स्टूडेंट मौजूद रहे। जिन्हें साइबर ठगी से बचाव के तरीके प्रति सजग किया गया। इन छात्रों ने दूसरों को भी जागरुक करने का संकल्प लिया।