बड़ामलहरा व नौगांव से रेफर मरीजों के कारण बढ़ा जिला अस्पताल में भार
हालांकि बड़ामलहरा और नौगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड की मशीनें उपलब्ध हैं, लेकिन इन क्षेत्रों की महिलाएं भी अक्सर जिला अस्पताल रेफर कर दी जाती हैं। बड़ामलहरा और नौगांव की महिलाएं जिला अस्पताल पहुंचकर यहां घंटों की लंबी प्रक्रिया का सामना करती हैं, जबकि उन्हें पहले ही अल्ट्रासाउंड की सुविधा अपने क्षेत्र में मिल रही होती है। इन दोनों क्षेत्रों के अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीन होने के बावजूद मरीजों को जिला अस्पताल भेजने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
अल्ट्रासाउंड के लिए घंटों का इंतजार
जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन में लगने वाली महिलाओं का कहना है कि सुबह 8 बजे से टोकन के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। फिर अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर भीड़ होती है और जांच के लिए भी कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। महिलाओं का कहना है कि इन परेशानियों के बावजूद जब रिपोर्ट मिलती है, तो डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध नहीं होते, और उन्हें दोबारा रिपोर्ट दिखाने के लिए अस्पताल आना पड़ता है। रामनगर की सविता बाई का कहना है कि अल्ट्रासाउंड कराने में दो दिन निकल जाते हैं, जबकि यह एक ही दिन का काम होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए और भी कठिनाई
सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को होती है जो दूर-दराज के क्षेत्रों से जिला अस्पताल पहुंचती हैं। नौगांव से आई प्रमिला यादव बताती हैं कि “सुबह 9 बजे लाइन में लगी थी, तब जाकर 12 बजे मेरा नंबर आया।” सटई निवासी मुन्नी अहिरवार ने भी शिकायत की कि “सुबह 8 बजे आने के बावजूद आज अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया।” यह स्थिति प्रतिदिन की हो गई है, और अस्पताल में महिलाओं के बीच विवाद भी आम हो गए हैं। अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लंबी कतारें लगती हैं, और बरामदे में पर्याप्त बैठने की जगह न होने के कारण महिलाओं को खड़ा रहना पड़ता है।
प्रशासन नहीं दिखा रहा गंभीरता
जिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड कक्ष की हालत भी ठीक नहीं है। अस्पताल में कक्ष बहुत संकरा है और महिलाओं के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। कुर्सियां नाममात्र की हैं और महिलाओं को इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर किया जाता है। यही नहीं, बड़ामलहरा और नौगांव जैसे स्थानों पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा होने के बावजूद क्यों इन क्षेत्रों की महिलाएं जिला अस्पताल रेफर की जाती हैं, यह एक गंभीर सवाल है।
जिम्मेदारों की प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे पर सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने कहा कि बड़ामलहरा और नौगांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध है, फिर भी महिलाओं को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। उन्होंने माना कि जिलेभर से महिलाएं अल्ट्रासाउंड के लिए जिला अस्पताल आ रही हैं, जिससे अस्पताल में भीड़ बढ़ जाती है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। डॉ. आरपी गुप्ता, सीएमएचओ ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा बड़ामलहरा और नौगांव के मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने जिला अस्पताल क्यों भेजा जा रहा है, जबकि वहां पहले से ही मशीनें उपलब्ध हैं, इसकी जांच की जाएगी।
सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत
अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों के अनुसार, हर रोज़ लगातार बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। अल्ट्रासाउंड कक्ष में सुधार और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से जल्द कोई ठोस कदम उठाने की उम्मीद जताई जा रही है। इस विकट स्थिति से निपटने के लिए जिला अस्पताल को पहले की तुलना में अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी, ताकि महिलाओं को इन कष्टों का सामना न करना पड़े और उन्हें समय पर उचित इलाज मिल सके।