जागरुकता अभियान पकड़ रहा जोर
हाल ही में छतरपुर पत्रिका द्वारा शुरू किया गया रक्षा कवच अभियान जिले में बड़ी तेजी से फैल रहा है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने और उनकी निजी जानकारी की सुरक्षा के बारे में जागरूक करना है। इसके तहत, पाठकों को ओटीपी, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करने की सलाह दी जा रही है। साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से बैंक खातों की जानकारी, ओटीपी और अन्य व्यक्तिगत डेटा चोरी करने की घटनाएं बढऩे लगी थीं। इसे रोकने के लिए छतरपुर पत्रिका ने रक्षा कवच नामक एक जागरूकता पहल शुरू की, जो अब जिले भर में लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुकी है।
लोगों का नजरिया बदल रहा है
रक्षा कवच अभियान ने लोगों की मानसिकता में एक बड़ा बदलाव लाया है। अब लोग अपनी निजी जानकारी और ओटीपी को किसी के साथ साझा करने से डरते हैं। एक नागरिक राकेश सिंह, जो पहले धोखाधड़ी का शिकार हो चुके थे, ने बताया, “मैं पहले एक बार ओटीपी किसी को बता बैठा था, और मुझे बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। अब, मैं पूरी तरह से सतर्क हूं और अपनी जानकारी किसी से भी साझा नहीं करता। छतरपुर पत्रिका की यह पहल वाकई शानदार है, जो हमें साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रही है। इसी तरह, जिला की एक महिला सुनीता शर्मा ने बताया, अब मैं अपने परिवार और दोस्तों को भी ओटीपी, पासवर्ड या किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को किसी से साझा न करने की सलाह देती हूं। इस अभियान के जरिए मुझे साइबर अपराध के बारे में नई जानकारी मिली है।”
कैसे काम करता है रक्षा कवच अभियान
रक्षा कवच अभियान के तहत छतरपुर पत्रिका ने अपनी खबरों में नियमित रूप से साइबर सुरक्षा से जुड़े टिप्स और सलाहें प्रकाशित की हैं। इसके अलावा, पत्रिका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस अभियान को जोरशोर से चलाया है। नागरिकों को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप्स, सेमिनार्स और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। पत्रिका द्वारा जारी किए गए अलर्ट में यह संदेश दिया जा रहा है कि लोग कभी भी ओटीपी, बैंक खाता विवरण, पिन या किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी किसी को फोन, ईमेल या अन्य माध्यमों से साझा न करें। यदि किसी को भी यह जानकारी देने का दबाव डाला जाता है, तो तुरंत संबंधित बैंक अथवा प्राधिकृत संस्थान से संपर्क करें।
नौकरीपेशा और युवा वर्ग में भी जागरूकता
इस अभियान का सबसे बड़ा असर युवाओं और नौकरीपेशा लोगों पर पड़ा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले युवा अब अपनी जानकारी के प्रति ज्यादा सतर्क हैं। एक सरकारी कर्मचारी, महेश यादव, जो एक बार साइबर ठगी का शिकार हो चुके थे, ने कहा, “मुझे अब यह पता है कि ओटीपी कभी भी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। अब मैं रक्षा कवच अभियान से जुड़े सारे टिप्स फॉलो करता हूं और अपने दोस्तों को भी इसके बारे में बताता हूं।”
पत्रिका व्यू
छतरपुर पत्रिका द्वारा शुरू किया गया रक्षा कवच अभियान न केवल जिले में लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने में सफल हो रहा है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो डिजिटल सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ा रही है। अब लोग अपनी जानकारी की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं और दूसरों को भी इस बारे में अलर्ट कर रहे हैं। यह प्रयास भविष्य में जिले में साइबर क्राइम की घटनाओं को और अधिक घटित करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।