पिछले कई वर्षों से पर्यटन क्षेत्र खजुराहो में सात समंदर पार से आने वाले सैलानियों को खजुराहो एयरपोर्ट से बनारस और दिल्ली के लिए ही एयरबस की सुविधा है। खजुराहो एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने के लिए वर्ष 2007 में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य 91 करोड़ की लागत से किया गया था। लगभग 8 वर्षों तक चले निर्माण कार्य के बाद वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश के महानगर इंदौर, राजधानी भोपाल के बाद पर्यटन स्थल खजुराहो में प्रदेश का तीसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा देने का दावा किया गया, लेकिन अभी तक यहां कोई भी विदेशी जहाज तो दूर देश के विभिन्न महानगरों के जहाज नहीं उतर पाए हैं। खजुराहो और बमीठा के बीच कुल 1400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इंटरनेशनल हवाई अड्डे में स्थापित नए टर्मिनल में 600 पैसेंजरों के बैठने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आलीशान एयरपोर्ट में अत्याधुनिक रेस्टोरेंट, टीआर, बुक स्टॉल के साथ ही देशी-विदेशी सैलानियों के लिए एटीएम की सुविधा दी गई है, लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां सैलानियों का टोटा रहता है। वजह यह है कि यहां से विभिन्न क्षेत्रों के लिए कोई सीधी जहाज सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उधर एयरपोर्ट के मेंटेनेंस पर एयरपोर्ट प्रबंधन को हर महीने लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, ऐसे में एयरपोर्ट अथॉरिटी भी घाटे में जा रहा है।
खजुराहो एयरपोर्ट में देशदुनिया से आने वाले सैलानियों के लिए अभी सिर्फ एयर इंडिया और जेट एयरवेज के विमान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जो बनारस होते हुए दिल्ली पहुंचता है। इसके अलावा जेट एयरवेज के जहाज सिर्फ पर्यटक सीजन में ही चलते हैं। इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जाने से उम्मीदें जताई जा रही थी कि, विदेशी जहाज भी सीधे खजुराहो उतरेंगे, लेकिन करोड़ों की लागत के इस एयरपोर्ट पर कोई जहाज सुविधा मुहैया नहीं कराई जा सकी है। हालांकि एयरपोर्ट प्रबंधन का मानना है कि, यदि कोई एयर कंपनी प्रपोजल देती है तो प्रपोजल विमान पत्तन प्राधिकरण से मंजूर होने के बाद ही विमान सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन न तो किसी एयरवेज कंपनी ने प्रपोजल दिया है और न ही विमान पत्तन प्राधिकरण ने अपनी ओर से प्रपोजल एयरवेज कंपनियों को भेजे हैं।
पर्यटन नगरी खजुराहो का भ्रमण करने आने वाले देशी और विदेशी सैलानियों को वायु मार्ग की सुविधाएं सुलभ नहीं है, इतना ही नही ट्रेनों की सुविधा भी पर्याप्त नहीं दी गई है। फलस्वरूप सैलानियों को सडक़ मार्ग से ही किराए के साधनों से यहां आने की मजबूरी बन जाती है। पर्यटन स्थल खजुराहो के रेलवे स्टेशन पर राजधानी से संपर्क क्रांति, वाराणसी खजुराहो एक्सप्रेस, झांसी खजुराहो पैसेंजर, उदयपुर खजुराहो एक्सप्रेस, कानपुर खजुराहो पैसेंजर और महामना एक्सप्रेस भोपाल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इन ट्रेनों को आगे बढ़ाने के लिए खजुराहो वासी कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित है।
खजुराहो को ताज महल की तरह ब्रांड बनाने के जरुरत है, खजुराहो की ब्रांडिंग में कमी के कारण ही विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ नहीं रही है। पैसेंजर नहीं होने से विमानन कंपनियां भी अपनी सेवाएं नहीं बढा रही हैं। इस वजह से नागर विमानन महानिदेशालय
(डीजीसीए) ने खजुराहो को इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा नहीं दिया है। राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चुनाव के दौरान खजुराहो एयरपोर्ट को जमकर इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में ही विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्रियों व कई केन्द्रीय नेताओं ने एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया, लेकिन एयरपोर्ट में विमान सेवाओं को बढ़ाने या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का तमगा दिलाने के लिए किसी ने कोई प्रयास नहीं किया है। यही वजह है कि देसी पर्यटकों की संख्या छोड़ा बहुत बढ़ रही है, लेकिन विदेशी पर्यटकों की संख्या अब भी ज्यादा नहीं बढ़ रही है।
-इंदौर, भोपाल के बाद तीसरे नंबर का इंटरनेशनल स्तर का एयरपोर्ट टर्मिनल खजुराहो में
-वर्ष 2007 से शुरू हुआ था निर्माण कार्य
-91 करोड़ की लागत से किया गया था निर्माण
-नए टर्मिनल में 600 पैसेंजरों को बैठने की सुविधा
-कई वर्षों से खजुराहो से बनारस और दिल्ली तक है विमान सेवा