सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की
सर डॉ. हरि सिंह गौर, जो मध्य प्रदेश के सागर जिले के निवासी थे, भारतीय शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए देशभर में जाने जाते हैं। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की और भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके योगदान को आज भी क्षेत्रीय लोग और शिक्षा जगत के लोग याद करते हैं। स्कूलों के छात्र-छात्राएं यह मानते हैं कि सर डॉ. हरि सिंह गौर का समग्र योगदान भारतीय समाज और शिक्षा व्यवस्था के लिए अतुलनीय है, और उनका भारत रत्न से सम्मानित होना उनके योगदान को देशभर में सही मायने में पहचान दिलाएगा।
छात्र-छात्राएं इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे
न्यू कैंपियन इंग्लिश स्कूल के छात्र-छात्राएं इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड में अपना संदेश लिखकर भेज रहे हैं। छात्र-छात्राओं ने इसे एक जन जागरूकता अभियान भी बना लिया है, जिसमें वे न केवल सर डॉ. हरि सिंह गौर के योगदान को उजागर कर रहे हैं, बल्कि अपने साथियों को भी इस मुहिम में शामिल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस अभियान के बारे में बात करते हुए शिक्षक नीतू सिंह, सक्षम सिंह, नम्रता बुन्देला, उमा भारती राजपूत, अनीता अहिरवार, संतोष यादव, नदीम, कुंवर जीत सिंह, अमृता सिंह, आंकाक्षां सक्सेना, पल्लवी मिश्रा, अंतरा वर्मा, पार्वती मिश्रा, गोमती साहू ने बताया, “यह एक ऐतिहासिक कदम है। हमारे छात्र अपने प्रेरणास्त्रोत सर डॉ. हरि सिंह गौर को सम्मानित करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी यह कोशिश रंग लाएगी और सर डॉ. हरि सिंह गौर को उनके असाधारण योगदान के लिए सही सम्मान मिलेगा। अभी तक छतरपुर जिले के हजारों पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुके हैं और यह मुहिम तेजी से फैलती जा रही है। छात्र, शिक्षक और आम नागरिक इस अभियान से जुडकऱ डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं।