तीसरे चरण का अवॉर्ड फरवरी में पारित किया जाएगा और पूरी परियोजना 18 महीने में तैयार हो जाएगी। इसके बाद यह प्लांट 630 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा, जिससे करीब तीन लाख घरों को रोशन करने की योजना है।
थर्मल का था प्रस्ताव
2013 में 2839 एकड़ पर थर्मल पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव था। पर्यावरण मंजूरी न मिलने के कारण 2017 में प्रस्ताव रद्द कर दिया गया।
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मार्च 2024 में रखी गई थी आधारशिला
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने 10 मार्च 2024 को बरेठी में प्लांट की आधारशिला रखी थी। निर्माण कार्य की शुरुआत में एक साल की देरी हुई है। बिजावर में 950 मेगावाट की यूनिट लगाने का मामला अटका हुआ है।
यह भी होगा लाभ
-इस सोलर पावर प्लांट से दिल्ली तक बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। -4000 एमटीपीए पानी की बचत होगी, जो लगभग 2 लाख घरों के लिए पर्याप्त है। -हर साल 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकेगा। पर्यावरण को लाभ होगा। -स्थानीय लोगों, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। -रोजगार के लिए बाहर जाने वाले युवाओं को अपने ही जिले में काम मिल सकेगा।