व्यापरियों को यूपीआई के जरिए बना सकते हैं शिकार
अभियान के पहले चरण में छतरपुर शहर के प्रमुख बाजारों में व्यापारी वर्ग को साइबर ठगी से बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। दूसरे चरण में अभियान को नौगांव नगर में चलाया जा रहा है। पत्रिका द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में व्यापारियों को विभिन्न साइबर ठगी के तरीके, जैसे कि फर्जी कॉल्स, ओटीपी ट्रिक्स, फेक इमेल्स और पेटीएम/फोन पे/गूगल पे के जरिए धनराशि की ठगी के बारे में बताया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने बताया कि ठग अक्सर व्यापारियों से बैंकों के खाते से जुड़ी जानकारी मांगते हैं, जैसे कि यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी और इन्हें हासिल कर उनके खाते से रकम उड़ा लेते हैं।
संवेदनशील जानकारी साझा न करें
पत्रिका द्वारा आयोजित इस अभियान में व्यापारियों को यह भी समझाया गया कि वे अपनी ऑनलाइन लेन-देन के दौरान किसी भी प्रकार की संवेदनशील जानकारी को साझा करने से बचें। साथ ही उन्हें अपने बैंक खातों की सुरक्षा को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी गई। अब व्यापारियों को यह जानकारी प्राप्त हो चुकी है कि कभी भी फोन, मैसेज या ईमेल के माध्यम से न तो बैंक से जुड़ी जानकारी साझा करें और न ही किसी लिंक पर क्लिक करें। रक्षा कवच अभियान का उद्देश्य केवल व्यापारियों को सुरक्षा के बारे में जागरूक करना नहीं था, बल्कि उनके विश्वास को भी मजबूत करना था, ताकि वे साइबर ठगों के खिलाफ सशक्त हो सकें। व्यापारियों को यह भी बताया गया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत संबंधित पुलिस या साइबर सेल में रिपोर्ट करना चाहिए, ताकि मामले को समय रहते हल किया जा सके।