छतरपुर

पत्रिका का रक्षा कवच अभियान: छात्र-छात्राएं साइबर ठगों से अब खुद को कर रहे सुरक्षित महसूस

अभियान के तहत छात्रों को साइबर सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जाता है, जैसे फर्जी लिंक और कॉल्स से कैसे बचें, व्यक्तिगत जानकारी को कैसे सुरक्षित रखें, और ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे निपटें।

छतरपुरJan 19, 2025 / 10:29 am

Dharmendra Singh

पत्रिका रक्षा कवच के साथ छात्र-छात्राएं

छतरपुर. साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच छतरपुर पत्रिका एक अभिनव पहल पर काम कर रही है, जिसका नाम है रक्षा कवच अभियान। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को साइबर ठगी और ऑनलाइन अपराधों से बचाने के लिए जागरूक करना है। पिछले एक महीनें में इस अभियान से जुडऩे वाले छात्र-छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और वे अब अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क और जागरूक हो गए हैं।

छात्र थे टारगेट


साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या के कारण, विशेष रूप से छात्र-छात्राएं, जो सोशल मीडिया और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अधिक सक्रिय रहते हैं, ठगी का शिकार हो रहे थे। उन्हें इंटरनेट के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोहों का शिकार बनाने के लिए कई प्रकार के जाल बिछाए जाते थे। इन ठगों द्वारा भेजे गए फर्जी लिंक, नकली फोन कॉल्स और धोखाधड़ी से जुड़ी अन्य गतिविधियों के कारण कई छात्र वित्तीय और मानसिक रूप से परेशान हो गए थे।

इसलिए पत्रिका ने छात्रों पर फोकस किया


इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए छतरपुर पत्रिका ने रक्षा कवच अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा के बारे में छात्रों को शिक्षित करना और उन्हें इस खतरे से बचाने के लिए ठोस कदम उठाना था। अभियान के तहत छात्रों को साइबर सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया जाता है, जैसे फर्जी लिंक और कॉल्स से कैसे बचें, व्यक्तिगत जानकारी को कैसे सुरक्षित रखें, और ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे निपटें। अभियान के तहत, छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यशालाओं में साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ छात्रों को समझाते हैं कि किस प्रकार साइबर ठग उन्हें धोखा देने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। इसके अलावा, छात्रों को यह भी बताया जा रहा है कि यदि वे कभी साइबर अपराध का शिकार बनें तो उन्हें किस प्रकार की कार्रवाई करनी चाहिए और किसे रिपोर्ट करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर साइबर सुरक्षा ऐप्स डाउनलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वे अपने डेटा और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रख सकें।

अभियान का सकारात्मक पड़ रहा प्रभाव


इस अभियान के प्रभाव से यह देखने को मिला है कि छात्र अब साइबर ठगों से अधिक सतर्क और सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। वे अब ज्यादा जागरूक हैं और अपने व्यक्तिगत डेटा को साझा करने में ज्यादा सतर्कता बरतते हैं। एक छात्रा प्रियंका यादव ने कहा, पहले मैं ऑनलाइन शॉपिंग करते समय किसी भी लिंक पर क्लिक कर देती थी, लेकिन अब मैं इस अभियान के बाद समझ गई हूं कि यह कितनी खतरनाक हो सकती है। अब मैं बहुत ध्यान से सभी चीजों का विश्लेषण करती हूं और सुनिश्चित करती हूं कि लिंक सुरक्षित है। इस अभियान से जुडऩे वाले छात्रों का मानना है कि इससे न केवल वे खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, बल्कि वे अपने परिवार और दोस्तों को भी इस तरह के खतरों से बचाने में मदद कर रहे हैं।
छतरपुर पत्रिका के प्रतिनिधि ने कहा हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को जागरूक करना नहीं है, बल्कि उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां वे साइबर ठगी और धोखाधड़ी से निपटने के लिए सही जानकारी प्राप्त कर सकें। हम मानते हैं कि अगर हम हर छात्र को इस अभियान से जोड़ सकते हैं, तो हम साइबर अपराधों को काफी हद तक कम करने में सफल होंगे। रक्षा कवच अभियान की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से साइबर अपराधों से बचा जा सकता है और युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस अभियान के तहत होने वाली गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रम अब अन्य स्कूलों और कॉलेजों में भी आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि पूरे छतरपुर जिले में साइबर सुरक्षा को लेकर एक व्यापक परिवर्तन लाया जा सके। इस पहल की सफलता ने अन्य क्षेत्रों में भी साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में प्रेरणा दी है, और यह अभियान निश्चित रूप से छात्रों और आम जनता को साइबर अपराधों से बचाने में एक अहम कदम साबित हो सकता है।

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