छात्राओं को किया जागरुक
यह अभियान शहर में कॉलेज के स्नातक-स्नातकोत्तर छात्राओं के बीच आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय छात्राएं और अन्य नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य विशेष रूप से उन लोगों को जागरूक करना था, जो डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन साइबर सुरक्षा के बारे में कम जानकारी रखते हैं। पत्रिका के इस पहल ने लोगों को साइबर अपराध से बचने के उपायों के बारे में बताया और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी। कार्यक्रम में पत्रिका प्रतिनिधि ने साइबर अपराध की विभिन्न शैलियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे सोशल मीडिया, बैंकिंग ऐप्स, ईमेल और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से अपराधी लोगों को धोखा दे सकते हैं। इसके अलावा, हैकिंग, पहचान चोरी, फिशिंग, और रैनसमवेयर जैसे प्रमुख साइबर अपराधों के बारे में भी जानकारी दी गई।
ये सलाह दी गईं
फिशिंग और हैकिंग से बचाव: युवाओं को यह समझाया गया कि वे कभी भी अपने निजी और वित्तीय जानकारी को अनजान वेबसाइटों या लिंक पर न डालें। फिशिंग मेल्स और संदिग्ध लिंक से सावधान रहने की सलाह दी गई।
युवा अब दूसरों को भी करेंगे सावधान
इस अभियान में शहर के कई युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों ने साइबर सुरक्षा के बारे में अपनी जिज्ञासाएं साझा की और प्रतिनिधि से जानकारी प्राप्त की। कई युवाओं ने यह वादा किया कि वे अपने परिवार और मित्रों को भी साइबर अपराध के प्रति जागरूक करेंगे और इससे बचने के उपायों को फैलाएंगे।
सुरक्षा उपायों को अपनाने की शपथ
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक शपथ ली कि वे साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करेंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे। यह शपथ लेने के बाद युवा समाज में सुरक्षा और जागरूकता का प्रचार-प्रसार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें। पत्रिका के प्रतिनिधि ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर रोक लगाना और समाज में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने इस अभियान को पूरी तरह से युवा वर्ग पर केंद्रित किया, क्योंकि वे डिजिटल तकनीकों का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं और उन्हें साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी देने से समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
जारी रहेगा अभियान
रक्षा कवच अभियान के तहत आने वाले समय में और भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों में विशेष अभियान चलाए जाएंगे, जहां छात्रों और शिक्षकों को साइबर सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसके साथ ही एक हेल्पलाइन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा, जहां लोग साइबर अपराधों के बारे में शिकायत कर सकेंगे और मदद प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल को लेकर नागरिकों में उत्साह देखा गया और उन्होंने इसे एक सकारात्मक कदम बताया। इस अभियान के सफल आयोजन से यह संदेश भी गया कि अगर हम सब मिलकर प्रयास करें तो साइबर अपराध पर काबू पाया जा सकता है और एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाया जा सकता है।