बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर करीब 10 महिलाओं का जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन होना था, इस दौरान डॉक्टर ने महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और महिलाओं के बेहोश होते ही डॉक्टर अस्पताल से बाहर चली गई। इंजेक्शन लगाने के बाद महिलाएं करीब 2 घंटे तक अस्पताल में ही बेहोश पड़ी रही।
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परिवार नियोजन के ऑपरेशन में लापरवाही करने वाली महिला चिकित्सक का नाम डॉ संजना रॉबिन्सन है। डॉक्टर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि ऑपरेशन से पहले कोविड टेस्ट रिपोर्ट आनी थी, इसलिए पेशी के लिए चली गई। घंटों इंतजार के बाद भी जब ऑपरेशन नहीं हुए तो आशा कार्यकर्ता और परिजनों ने इसकी शिकायत की। हालांकि महिला चिकित्सक ने अदालत से अस्पताल लौटने के बाद महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया।
आशा कार्यकर्ता रजनी अरजरिया ने कहा कि वह एक महिला को नसबंदी ऑपरेशन कराने के लिए सुबह 8 बजे अस्पताल आई थीं। मैडम ने तीन बजे ऑपरेशन का समय दिया। लेकिन डॉ. संजना रॉबिन्सन कोरोना टेस्ट के लिए सेम्पल लेने के बाद महिलाओं को बेहोश करने वाले इंजेक्शन लगा दिए और चली गई।
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जिला अस्पताल में महिलाओं के साथ हुए वाकए के बाद महिलायों और उनके परिजनों ने मुख्य चिकित्सा धिकारी से शिकायत की है। अब इस मामले पर सीएमएचओ डॉ. विजय पथोरिया ने कहा है कि शिकायत की जांच की जा रही है जांच के बाद दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।