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छतरपुर

कला-संस्कृति और पर्यटन के रंग से सराबोर विश्व धरोहर, भरतनाट्यम के जरिए ईश्वर का आह्वान, VIDEO

-खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत-कला-संस्कृति और पर्यटन के रंग से सराबोर विश्व धरोहर-भरतनाट्यम के जरिए ईश्वर का आह्वान-दुर्गा को मंच पर किया साकार

छतरपुरFeb 21, 2023 / 12:32 pm

Faiz

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कला-संस्कृति और पर्यटन के रंग से सराबोर विश्व धरोहर, भरतनाट्यम के जरिए ईश्वर का आह्वान, VIDEO

पश्चिमी मंदिर समूह परिसर में कंदारिया महादेव मंदिर और देवी जगदंबा मंदिर के मध्य विशाल मुक्ताकाशी मंच 49वें खजुराहो नृत्य समारोह की सोमवार को शुरुआत हुई। नृत्य समारोह की पहली प्रस्तुति जानकी डॉ. जानकी रंगराजन के भरनाट्यम की हुई। उन्होंने कवि सुरेंद्र नाथ की खजुराहो पर आधारित कविता को नृत्य के जरिए प्रस्तुत किया। राग रागम की प्रस्तुति के जरिए भरतनाट्यम में ईश्वर का परंपरा अनुसार आह्वान किया। इसके बाद गोपी द्वारा कृष्ण को रिछाने के दृश्य को मंच पर जीवंत कर दिया।

पहली शाम की दूसरी प्रस्तुति में धीरेंद्र तिवारी और अपराजिता शर्मा ने परस्पर कथक और भरतनाट्यम की युगल प्रस्तुति दी। कथक में एकल नृत्य है, शिवोहम का मनमोहक प्रस्तुतीकरण किया, जिसका नृत्य निर्देशन गुरू पंडित राजेन्द्र गंगानी और संगीत रचना समीउल्लाह खान ने की है। ये राग भैरव और ताल तीन ताल में निबद्ध है। इसके बाद भरतनाट्यम एकल प्रस्तुति में दुर्गा कीर्तनम को मंच पर साकार किया, जिसमे दुर्गा की महिमा, उनके एक हजार नाम,18 हाथ और विभिन्न अस्त्र शास्त्र आदि का वर्णन है। ये दक्षिण के कवि मदुरै कृष्णन की रचना है, जो आदि ताल और राग रेवती में निबद्ध है।


दूसरी प्रस्तुति के आखरी में चतुरंग की प्रस्तुति दी। ये चतुरंग राग देस में और आदि ताल और तीन ताल दोनों में समान रूप से विचरण करता है। ये कवि रामदास की रचना है। इसके नृत्य निर्देशन में भरतनाट्यम की जतियों पर कथक और कथक के बोलों पर भरतनाट्यम को प्रस्तुत करने का प्रयोग किया गया है।

 

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विलंबित और द्रुत तीनताल में शुद्ध नृत्य की प्रस्तुति

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पहली शाम की आखरी प्रस्तुति में कथक के जरिए प्राची शाह ने गणेश की वंदना से अपने नृत्य का आगाज किया। रूपक में निबद्ध रचना विघ्नेश्वराय वरदाय पर भाव प्रवणता से गणेश जी को मंच पर साकार किया। इसके बाद विलंबित और द्रुत तीनताल में शुद्ध नृत्य की प्रस्तुति दी। इसमे ठाठ, परन ,चक्करदार, तिहाइयां और कवित्त आदि पेश किए। अगली प्रस्तुति में ठुमरी काहे गए घनश्याम पर आपने शानदार भावनृत्य से दर्शकों को मुग्ध कर दिया। नृत्य का समापन पंचमुखी तत्कार से किया।

 

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गुलजार हुई पर्यटन नगरी

विश्व धरोहर पर्यटन नगरी खजुराहो गुलजार है। 49वें नृत्य समारोह ने गति दी तो कला-संस्कृति के रंग भी चटख हो गए। सोमवार को सात दिवसीय महोत्सव शुरू होते ही सैलानी मुक्त आकाश में आ जुटे। पहले दिन ही कला, संस्कृति और पर्यटन के इतने रंग दिखे की पर्यटक अभिभूत हो उठे। बता दें कि, ये समारोह 26 फरवरी तक चलेगा।

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