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छतरपुर

एक साल में 7 हजार लोगों पर लगाया जुर्माना, फिर भी जिला अस्पताल गुटखा के पीक और बीडी-सिगरेट के धुंआ से नहीं हो रहा मुक्त

2024 में जिला अस्पताल ने कुल 6969 लोगों पर जुर्माना लगाकर 7 लाख 60 हजार 200 रुपए वसूले हैं। हालांकि, इसके बावजूद अस्पताल में गुटखा थूकने, पीक करने और तम्बाकू सेवन के बाद गंदगी फैलाने वालों की तादाद कम नहीं हो रही है।

छतरपुरJan 13, 2025 / 10:41 am

Dharmendra Singh

mess in hospital

अस्पताल में गंदगी

छतरपुर. जिले के प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल में तम्बाकू, गुटखा और बीडी-सिगरेट के सेवन से फैल रही गंदगी के खिलाफ प्रशासन ने लगातार कड़ी कार्रवाई की है, बावजूद इसके अस्पताल परिसर में स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। 2024 में जिला अस्पताल ने कुल 6969 लोगों पर जुर्माना लगाकर 7 लाख 60 हजार 200 रुपए वसूले हैं। हालांकि, इसके बावजूद अस्पताल में गुटखा थूकने, पीक करने और तम्बाकू सेवन के बाद गंदगी फैलाने वालों की तादाद कम नहीं हो रही है।

अक्टूबर में सबसे अधिक जुर्माना वसूला गया


जिला अस्पताल ने 2024 के अक्टूबर माह में सबसे ज्यादा जुर्माना वसूला। अक्टूबर में 845 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 94900 रुपए का जुर्माना वसूला गया। इसी तरह सालभर में अस्पताल परिसर में गंदगी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। जिला अस्पताल ने इस साल कोटपा एक्ट के तहत प्रदेश में सबसे अधिक जुर्माना वसूला है।

टीम ने लगातार की कार्रवाई


कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए डॉ. अशोक गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी, जिसमें नोडल सहायक नीरज मिश्रा, आशीष शर्मा, होमगार्ड टीम और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर लगातार निगरानी की। इनकी मेहनत के कारण अस्पताल में गंदगी फैलाने वाले कई लोगों पर जुर्माना लगाया गया।

सालभर का आंकड़ा


2024 में जिला अस्पताल ने विभिन्न महीनों में चालानी कार्रवाई करते हुए कुल 7 लाख 60 हजार 200 रुपए की राशि वसूली। जनवरी से लेकर दिसंबर तक 6969 लोगों पर जुर्माना लगाया गया, जिसमें सबसे अधिक 845 मामले अक्टूबर में सामने आए।

माह मामलों की संख्या जुर्माना राशि

जनवरी 344 34400
फरवरी 481 50100
मार्च 625 68550
अप्रेल 560 55700
मई 246 25250
जून 494 54850
जुलाई 773 84,500
अगस्त 345 38000
सितम्बर 774 85500
अक्टूबर 845 94900
नवम्बर 811 92800
दिसम्बर 671 72650

फिर भी गंदगी पसरी


हालांकि जुर्माना वसूली की सफलता के बावजूद जिला अस्पताल की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। अस्पताल परिसर में जगह-जगह पान, गुटखा और तम्बाकू थूकने से गंदगी फैल रही है। अस्पताल के शौचालयों और बाथरूमों में गंदगी का स्तर इतना अधिक हो चुका है कि वहां जान भी मुश्किल हो रहा है। मरीजों और तीमारदारों को बदबू और गंदगी के कारण असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में सफाई का काम करने वाली कंपनी की लापरवाही भी गंदगी के बढऩे का एक बड़ा कारण बन रही है।

समस्या का समाधान नहीं हो सका


यहां तक कि प्रशासन और अस्पताल स्टाफ की ओर से लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद भी गंदगी फैलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। स्थिति यह हो गई है कि सरकारी संस्थान होने के बावजूद अस्पताल में सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला अस्पताल की इस गंभीर समस्या पर न सिर्फ प्रशासन बल्कि स्थानीय जनता ने भी चिंता जताई है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर कब तक प्रभावी कदम उठाएगा, ताकि अस्पताल परिसर को पूरी तरह से गंदगी और तम्बाकू सेवन से मुक्त किया जा सके।

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