गांव की महिलाएं बीमारियों को करती है अनदेखा
डॉ. श्वेता गर्ग ने बताया गांवों की महिलाएं छोटी-मोटी बीमारियों को अनदेखा करती हैं और कई बार वह बीमारियों के बारे में अपने घर के सदस्यों को भी नहीं बताती, जिससे वह बड़ी बीमारी बन जाती है। महिलाओं में होने वाले रोगों को शुरूआती समय में प्राथमिक उपचार देकर ही ठीक किया जा सकता है। इस कार्य में वह पिछले एक साल से से लगी हुई है साथ ही आगे भी ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाने के लिए उनके द्वारा रूपरेखा बनाई गई है। उनके साथ शिविर में जाने वाली टीम के आने-जाने का खर्च और जांच सहित निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराने का खर्च वह स्वयं उठाती है।
शिविर में कैंसर की जांच भी
महिलाओं में होने वाले कैंसर सहित अन्य रोगों की शिविर में जांच होती है। महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर है। जिसमें सर्वाइकल कैंसर के लिए पैप स्मियर टेस्ट किया जाता है। ब्रेस्ट कैंसर के लिए ब्रेस्ट में बन रही गठान की एफएनएसी की जांच होती है। ओवेरियन कैंसर के लिए बायोप्सी और ट्यूमर मार्कस की जांच की जाती है। जिससे महिलाओं में होने वाले कैंसर की जांच शिविर के माध्यम से की जाती है। उनके द्वारा अभी तक वह बागेश्वर धाम, सौंरा गांव, गुलगंज, अतरार, ढड़ारी, मौराहा, चौका, रमपुरा और बकस्वाहा क्षेत्र में कैंप आयोजित कर 2000 महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। कैंसर के साथ-साथ वह ब्लड ग्रुप टेस्ट, हीमोग्लोबिन टेस्ट सहित अन्य जांचें भी जरूरतमंद लोगों की करती हैं।