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छतरपुर

उत्साह के साथ मनी दीपावली, पटाखे फोडकऱ मनाई प्रकाशोत्सव की खुशियां

दीपावली के दिन सुबह से लोगों ने अपने घर-आंगन, प्रतिष्ठानों के सामने रंगोली बनाई। सुबह से ही बाजारों में काफी भीड़भाड़ दिखी। हर कोई लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, गेंदा के फूल, मिट्टी दीपक, मिठाई व गिफ्ट आइटम के अलावा रेडीमेड वस्त्रों की खरीदारी करता दिखा।

छतरपुरNov 02, 2024 / 11:06 am

Dharmendra Singh

deepawali

अनार दाना जलाते हुए

छतरपुर. दीपावली के दिन सुबह से लोगों ने अपने घर-आंगन, प्रतिष्ठानों के सामने रंगोली बनाई। सुबह से ही बाजारों में काफी भीड़भाड़ दिखी। हर कोई लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, गेंदा के फूल, मिट्टी दीपक, मिठाई व गिफ्ट आइटम के अलावा रेडीमेड वस्त्रों की खरीदारी करता दिखा। दिन के समय पूजा की तैयारी की गई। शाम होते ही शुभ मुहूर्त में मां महालक्ष्मी की पूजा-आरती कर घर-प्रतिष्ठानों में सुख-शांति, समृद्धि बनी रहने की कामना की गई। पर्व की शाम पूरा शहर रोशनी से जगमगाता रहा। पूजन के बाद आतिशबाजी का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की भरमार


व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर दीपावली की शुभकामनाओं के संदेशों की भरमार थी। पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। एकदूसरे को गिफ्ट दिए। हर कोई नए परिधान पहने नजर आया। दीपावली के मौके पर लोग अपने रिश्तेदारों के यहां भी गए और त्योहार की शुभकामनाएं देकर उत्साह से एक साथ दीपावली मनाई।

अस्थाई मार्केट से बिके पटाखे


जिला मुख्यालय पर बनाए गए पटाखा मार्केट समेत सभी नगरीय निकायों में पटाखा की दुकाने लगाई गई थीं। जिनसे लगभग 3 करोड़ रुपए के पटाखों की बिक्री एक दिन में होने का आंकलन है। छतरपुर शहर के स्टेडियम में पटाखे के 63 दुकानें लगाई गई थीं। पटाखों की नई डिजाइन, जिसमें राकेट, राकेट बम,लैला मजनू, चकरी, शॉट, पॉपअप, अनार और फुलझड़ी की बिक्री सबसे ज्यादा हुई।

खूब बिकी सजावटी सामग्री


दीपावली पर घर-आंगन सजाने और लाइटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी खूब बिकी। दरवाजे सजाने की सामग्री, रंगोली और झालरों की जमकर मांग रही। बाजार में प्लास्टिक और कपड़े से निर्मित फूल, मालाओं के अलावा झूमरों की जबर्दस्त बिक्री हुई। व्यापारी रिंकू लक्षकार ने बताया कि बाजार में दस रुपए से पांच सौ रुपए तक मालाओं की बिक्री हुई है। राजस्थान के झूमर, प्लास्टिक, रबड़, ऊन और कॉटन के धागे के झूमर की भी बिक्री ठीक हुई है। रंग बिरंगे बंदरबार की भी लोगों ने खूब डिमांड की।

मिट्टी के दीए की रही मांग


स्वास्तिक आकृति,आम, पीपल के पत्ते की आकृति के दीपक ने लोगों को खूब रिझाया। इसके साथ ही साधारण दीपक, रेडिमेड बत्तियां लगभग हर खरीदार ने लिए। मिट्टी से निर्मित लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की भी खूब बिक्री हुई। व्यापारी अजय सिंधी ने बताया कि गुलाब, गणेश, पीपल के पत्ते, कटोरी, स्वास्तिक ओम आकृति वाले दीयों की मांग अधिक थी। 25 रुपए कीमत वाले ये दिए देखने में बहुत आर्कषक होने से सभी ने दिए लिए,भले ही दो या चार ही खरीदे। इसके अलावा रेडीमेड दीयों की भी मांग रही,बड़ा दीया 20 से 25 रुपए प्रति नग जबकि छोटे 12 रुपए प्रति दर्जन तक के हिसाब से बिके।

4 करोड़ का हुआ मिठाई का कारोबार


दीपावली हो तो मुंह मीठा कराना स्वभाविक है, इसलिए मिठाई की जमकर बिक्री हुई। शहर की सभी मिठाई दुकानदारों ने स्टॉल लगाकर अपनी औसत क्षमता से चार गुना ज्यादा मिठाई बेची। मिठाई की स्थाई दुकानों के अलावा शहर में कई अस्थाई दुकानें भी दीपावली के दिन खुली। सडक़ किनारे टेंट लगाकर दिनभर मिठाई की बिक्री हुई। मावा में मिलावट की आशंका के चलते खोवा की मिठाई के साथ ही ड्राई मिठाई की मांग रही। फूड प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के दीपावली पैकेज की भी जमकर बिक्री हुई। एक अनुमान के मुताबिक दीपावली के दिन शहर में 4 करोड़ रुपए से ज्यादा की मिठाई और ड्राई फूड की बिक्री हुई।

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