शुक्रवार को छतरपुर मानो पुलिस छावनी बन गया। आसपास के जिलों का पुलिस फोर्स यहां बुला लिया गया है। खास बात यह है कि थाने और पुलिसकर्मियों पर पथराव करनेवाले सभी आरोपियों के मकान ढहाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए
पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में बुलडोजर खड़े कर दिए गए हैं।
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पुलिस पर पत्थर मारने के केस में 46 नामजद आरोपी हैं जबकि 150 अज्ञात आरोपी हैं। इस प्रकार करीब 200 पत्थरबाजों को चिन्हित किया गया है। इनमें से शहजाद अली की कोठी पर बुलडोजर चल चुका है। अब शेष आरोपियों के मकानों को ढहाने की योजना बनाई गई है। बताया जा रहा है कि मकानों में अवैध निर्माण पर जेसीबी चलाई जाएगी।
अधिकारियों को अंदेशा है कि इस कार्रवाई के विरोध में मुस्लिम समाज एकजुट होकर आगे आ सकता है। हिंसा भड़कने की भी आशंका है। यही कारण है कि भारी पुलिस बल बुलाया गया है।
छतरपुर में शहजाद अली की कोठी को बुलडोजर से ढहाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, भोपाल विधायक आरिफ मसूद ने इस कार्रवाई का विरोध किया।
ये है मामला
महाराष्ट्र के बाबा रामगिरि महाराज द्वारा पैगम्बर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर मुस्लिम समाज में रोष है। इस मामले में मध्यप्रदेश के छतरपुर में मुस्लिमों ने कोतवाली पुलिस को ज्ञापन दिया लेकिन भी वहां हिंसा भड़क उठी। ज्ञापन देने आए लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसपर सीएम मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के आदेश दे दिए जिसके बाद स्थानीय कांग्रेस नेता शहजाद अली के बंगले पर बुलडोजर चला दिया। शहजाद अली ही मुस्लिम समाज को एकत्रित कर भीड़ को कोतवाली ले गया था। आरोप है कि उसने करीब 20 हजार वर्गफीट में बिना अनुमति के बंगला बनाया था जिसे प्रशासन ने गुरुवार को जमींदोज कर दिया। यही नहीं, वहां खड़ी तीन लग्जरी गाड़ियों को भी कुचल दिया।
इसी कड़ी में शुक्रवार को पुलिस प्रशासन और अलर्ट है। जुमे की नमाज के कारण छतरपुर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। शहर की सभी मस्जिदों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है और बड़ी संख्या में हथियार बंद पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।