उत्तरपुस्तिका निरीक्षण से मिलेगी बेहतर उत्तर लिखने की टिप्स
इस विशेष पहल के तहत, कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं दी जाएंगी। यह उत्तरपुस्तिकाएं मंडल की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि छात्र-छात्राएं उन्हें आसानी से देख सकें और समझ सकें कि उच्च अंक प्राप्त करने के लिए उत्तर कैसे लिखे जाते हैं। इससे विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान सही दिशा में उत्तर लिखने में मदद मिलेगी और वे अपने प्रदर्शन को सुधार सकेंगे।
डीईओ और प्राचार्यों को दिशा-निर्देश दिए गए
विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारी को लेकर जिले के सभी प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह दिशा-निर्देश विद्यार्थियों की तैयारी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दिए गए हैं। इस पहल के तहत, स्कूलों में अतिरिक्त ध्यान दिया जाएगा, ताकि छात्र-छात्राएं एक सकारात्मक वातावरण में परीक्षा की तैयारी कर सकें।
मास्टर ट्रेनरों का सहारा लेंगे
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बार बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार लाने के लिए एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनरों का चयन किया गया है। ये मास्टर ट्रेनर संभाग स्तर पर शिक्षकों को विशेष टिप्स देंगे, ताकि वे अपने छात्रों की परीक्षा तैयारी को अधिक प्रभावी बना सकें। मास्टर ट्रेनरों की टीम प्रत्येक शिक्षक को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन करेगी, ताकि वे बच्चों को विषय की गहरी समझ दे सकें और उनका आत्मविश्वास बढ़ा सकें। इस पहल के जरिए, विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर शिक्षक छात्रों को अपने विषय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाएं, ताकि छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
बेस्ट ऑफ फाइव योजना का समापन और वॉर्डन शिक्षकों की तैनाती
इस वर्ष 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए बेस्ट ऑफ फाइव योजना समाप्त कर दी गई है, जिसके चलते विद्यार्थियों को अपनी परीक्षा में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। अब, सभी विषयों के अंक छात्रों की कुल प्रतिशत में शामिल होंगे। इस बदलाव को देखते हुए, स्कूल शिक्षा विभाग ने विशेष तैयारी की है और स्कूलों में वॉर्डन शिक्षक नियुक्त किए हैं। इन शिक्षकों का कार्य हर विद्यार्थी की व्यक्तिगत मॉनीटरिंग करना होगा, ताकि विद्यार्थियों को उनकी कमजोरियों और ताकत का पता चले और वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें।
गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षक मुक्त रहेंगे
इस साल की पहल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए पढ़ाने वाले शिक्षक किसी भी हालत में गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाए जाएंगे। यह निर्णय विद्यार्थियों की तैयारी को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है। शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होंगे, ताकि वे अपनी पूरी ऊर्जा विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारी में लगा सकें।
दिशा निर्देश जारी किए गए हैं
लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने इस संबंध में सभी जिलों के संयुक्त संचालकों, जिला शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी शिक्षक और स्कूल प्रबंधन को छात्रों के समग्र विकास और उनकी परीक्षा तैयारी को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। इस नए प्रयास से उम्मीद जताई जा रही है कि सरकारी स्कूलों का 10वीं और 12वीं का बोर्ड परीक्षा परिणाम बेहतर होगा। शिक्षा विभाग की यह पहल छात्रों को न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से मदद करेगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी प्रदान करेगी। विद्यार्थियों को यह संदेश दिया गया है कि अगर वे सही दिशा में मेहनत करें, तो सफलता निश्चित रूप से उन्हें मिलेगी।