‘9 दिन दुर्गा-दुर्गा, 10वे दिन मुर्गा-मुर्गा’
छतरपुर में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर स्वच्छता अभियान में शामिल होने पहुंचे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से जब मीडिया ने नवरात्रि के शुरू होने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब तक हम यह प्रण नहीं लेते कि बहू-बेटियों के ऊपर उठने वाली उंगली को तोड़ नहीं देते, तब तक देवी आराधना का कोई औचित्य नहीं है। हम भी माता की पूजा करेंगे, लेकिन उनका विरोध है जो 9 दिन दुर्गा-दुर्गा करते हैं और 10वे दिन मुर्गा-मुर्गा करते हैं। महालक्ष्मी के 30 टुकड़े हुए, इसके लिए अब हिंदुओं को संकल्प लेना होगा। ‘हवस के मौलाना और हवस के पादरी’ वाले बयान पर कही ये बात..
वहीं हाल ही में उनके द्वारा दिए गए हवस के पादरी या हवस के मौलाना वाले बयान पर कुछ धर्मगुरूओं द्वारा आपत्ति जताए जाने पर जब पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये नालायक हैं हमने किसी भी धर्म के धर्मगुरू का अपमान नहीं किया है। हमने अपनी बात किसी भी धर्म या मजहब के गुरू के लिए नहीं कही थी। हमने तो सनातनियों को जगाने के लिए बताया था कि हवस का पुजारी भर क्यों होता है हवस का पादरी या हवस का मौलाना क्यों नहीं होता…अगर ये बोल दिया है तो लोगों को दिक्कत होने लगी लेकिन इससे उन्हें बुरा नहीं लगना चाहिए और लगता है तो लगता रहे हमें फर्क नहीं पड़ता।