आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने 38वीं केन्द्रीय सलाहकार समिति की बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। लोगों की खानपान की व्यवस्था शुद्ध बनाये रखने का कार्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। 2020 से शुरू किए गए मिलावट से मुक्ति अभियान में प्रदेश भर में प्रभावी कार्यवाही हुई है।
प्रदेश को मिलावट खोरों से मिलेगी मुक्ति
उन्होंने आगे कहा कि केन्द्रीय सलाहकार समिति की बैठक में देश के अन्य प्रांतों में फूड सेफ्टी के संबंध में हो रहे अच्छे कार्यों को प्रदेश में भी शुरू किया जाएगा। इस आयोजन से शुद्ध खाद्यान्न उपलब्ध कराने के संबंध में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए किए गए विचार विमर्श के मंथन से बेहतर कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी, जिससे प्रदेश में मिलावट से मुक्ति अभियान को और बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।
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प्रदेश भर से लिए गए 342 हजार नमूने
डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि प्रदेश में क्रियान्वित मिलावट से मुक्ति अभियान में की गई व्यापक कार्यवाही के तहत 605 एफआईआर दर्ज हुई और 45 प्रकरणों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) में कार्रवाई की गई और 300 प्रतिष्ठान को सील किया गया तथा 18 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। प्रदेश भर में 32 हजार नमूने लिये गये, 24 करोड़ से अधिक मूल्य की खाद्यान्न सामग्री जब्त हुई। प्रदेश में खाद्यान्न सुरक्षा की जांच को और दक्ष और क्षमतावान बनाने के लिये इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में तीन नवीन प्रयोगशाला का निर्माण पूर्ण होने वाला है। खाद्यान्न सामग्री की जांच के लिए शुरू की गई चलित प्रयोगशाला में नागरिक मात्र 10 रुपए का शुल्क देकर शुद्धता की जांच कराकर प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं।
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इन पर भी किया गया मंथन
सोमवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई समिति की बैठक में भारत सरकार के एफएसएसएआई के सीईओ एस गोपाल कृष्णन सहित स्वास्थ्य आयुक्त एवं कमिश्नर फूड सेफ्टी सुदाम खाड़े सहित देश के विभिन्न प्रांतों के हेल्थ कमिश्नर, सीएसी मेम्बर और एफएसएसएआई के पदाधिकारी तथा फूड सेफ्टी से जुड़े अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रथम सत्र में केन्द्रीय सलाहकार समिति की बैठक का शुभारंभ एफएसएसएआई के सीईओ एस गोपाल कृष्णन द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर समिति की बैठक में फूड सेफ्टी के स्ट्रक्चर, फंक्शन प्रोसीजर और सुधार हेतु नियंत्रण के उपायों पर मंथन किया गया।