राजस्थान पत्रिका से विशेष वार्ता में वे कहते हैं, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा रैंक हासिल करना आसान काम नहीं था। मैंने दिन-रात मेहनत की। रोज 10 से 11 घंटे पढ़ता था। मुझे खुशी है कि मैं, मेरे माता-पिता का नाम रोशन कर पाया। मैं राजस्थानी मूल के बच्चों की मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा।’’
कल्पेश का परिवार
फिलहाल चेन्नई पुरुषवाक्कम में बसे कल्पेश जैन मूल रूप से राजस्थान के मारवाड़ जंक्शन के पंचेटिया गांव से हैं। उनके पिता गौतमचंद संचेती मेडिकल उपकरणों का व्यापार करते हैं। मां किरण संचेती गृहिणी हैं। उन्होंने चेन्नई में रहकर ही सीए फाइनल की तैयारी की। कल्पेश को मित्रों और परिजनों का मार्गदर्शन मिलता रहा है। टैक्स और फाइनेंस में उनकी गहरी रुचि ने उनको सीए बनने की प्रेरणा दी।
छात्रों को परामर्श
कल्पेश का सीए की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को परामर्श था कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है। मन में लक्ष्य स्पष्ट रखें। दृढ़ इरादे और संकल्प से ही सफलता मिलेगी। कोचिंग के अलावा घर पर भी अतिरिक्त समय पढ़ाई में लगाएं। पढ़ाई को जटिल बनाने की आवश्यकता नहीं है। सरलता और अनुशासित पढ़ाई आवश्यक है।