न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 8 लोगों की गवाही पेश किये गये और प्रतिपरीक्षण कराया गया। मामले में सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक शशिकांत ठाकुर ने बहस में हिस्सा लिया।
यह है मामला
छह जनवरी 2016 को काठीकुंड थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि दुमका-साहिबगंज हाइवे में थाना से करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर पिकअप वैन में अवैध लकड़ी लोड है। पुलिस ने पिकअप वैन के चालक को वाहन को रोकने का इशारा किया। वह वाहन रोकने के बजाए तेज गति से वाहन को भगाने लगा। पुलिस ने वाहन का पीछा किया।
पिकअप वैन के चालक ने पुलिस को पीछे आते देख पुल के पहले भीड़-भाड़ वाले जगह पर वाहन को रोक दिया और उसमें सवार दो लोग अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गए। वाहन की जांच की गयी तो देखा गया कि उसमें जंगल की लकड़ी लोड है जिसे जब्त कर लिया गया। वाहन के मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। न्यायालय ने वन विभाग को क्षतिपूर्ति के तौर पर दो लाख रुपये 357(3) करने का आदेश दिया है।