अपने आधार लिंक की स्थिति यहाँ देखें अतिथि शिक्षक मध्यप्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। सरकारी विद्यालयों में अध्यापकों के रिक्त पदों पर अस्थाई नियुक्ति के तौर पर योग्य अभ्यर्थियों को शिक्षण के लिए लगाया गया था। जिन्हे इसबार हटा दिया गया। ऐसे में अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन कर दिया। सरकार को उनके व्यापक आंदोलन और विधानसभा चुनाव को देखकर झुकना पड़ा।
सरकार ने भर्ती में दिया 25प्रतिशत आरक्षण
राज्य सरकार ने अतिथि शिक्षकों को संविदा अध्यापकों की भर्ती में 9 वर्ष की छूट का प्रावधान किया है। 9 वर्ष की छूट के लिए अभ्यर्थी के पास 3 शैक्षणिक सत्र का अनुभव होना जरुरी है। जिसमें कम से कम 200 दिन की उपस्थिति दर्ज हो।
अबतक अतिथि शिक्षक के लिए शुरू ऑनलाइन पोर्टल पर कुल आवेदन 2 लाख से ऊपर है जिनमें से वेरिफिकेशन के बाद 4019 को रिजेक्ट कर दिया गया है।
जिले के अनुसार प्राप्त आवेदनों पर विचार कर जल्द ही इन्हे विद्यालयों में नियुक्ति के लिए भेजा जायेगा।
अपनी प्रोफाइल और सत्यापन का स्टेटस यहाँ देखें : अभ्यर्थी अपने आवेदन के वेरिफिकेशन होने की पुष्टि कर सकता है। इसके लिए id और पासवर्ड से लॉगिन करना होगा। जिसके बाद आपकी प्रोफाइल पर पूरा डेटा दिखाई देगा।
23 अक्टूबर तक सत्यापन किया गया था। जिसके बाद जिलेवार सूची दाल दी गई हैं। इनमे से प्राथमिकता के आधार पर सरकारी विद्यालयों में नियुक्ति की प्रक्रिया जारी की जाएगी। राज्य सरकार विधानसभा चुनाव को लेकर भी गंभीर नजर आ रही है। वो हर संभव सभी वर्गों को खुश रखने में हैं। कर्मचारी संघठन आंदोलन के जरिये अपनी बात मनवाने में लगे है। ऐसे में संविदा शिक्षकों में 25 प्रतिशत आरक्षण को हरी झंडी दी गई। जिन अतिथि शिक्षकों को लम्बे समय से वेतन नहीं मिला था उनका भी निस्तारण किया जा रहा है।
कल से अतिथि शिक्षक संधठनों की बैठकों का दौर शुरू
3 दिसंबर को होने वाले महासम्मेलन (भोपाल) की रूपरेखा बनाई जाएगी। अतिथि शिक्षक सरकार द्वारा देय 25 प्रतिशत आरक्षण से संतुष्ट नहीं हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी आना बताया जा रहा हैं।