इंजन करें चेक- कार का बोनट खोल कर देखें कि क्या इंजन के आसपास कोई ऑयल लीकेज तो नहीं है। अगर आपको लीकेज दिखाई देता है, इसका मतलब है कि इंजन खोलने का वक्त आ गया है। ऐसे गाड़ी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं।
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टायर देखें- पुरानी कार लेते वक्त कार के टायर जरूर चेक करें। अगर टायर नए जैसे हैं, तो इसका मतलब टायर हाल ही में बदले गए हैं, या गाड़ी कम चली है। ये आपको स्पीडोमीटर कंसोल से पता चल जाएगा। गाड़ी के टायर खराब होने पर 12-15 हजार रुपए का एकस्ट्रा खर्च होता है।
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पेंट को ध्यान से देखें- सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले दरवाजों, फ्रंट और पीछे की तरफ के पेंट पर जरूर ध्यान दें। क्योंकि टक्कर फ्रंट, बैक या साइड से होती है। री-पेंट होने पर आपको बॉडी पैनल पेंट के रंग से साफ पता चल जाएगा कि कार एक्सिडेंटल है। वक्त के साथ कार का पेंट भी फीका पड़ने लगता है, वहीं अगर एक्सिडेंट हुआ होगा, तो पैच साफ दिखाई देंगे।
गाड़ी की सर्विस हिस्ट्री देखें- गाड़ी लेने से पहले उस ब्रांड के शोरूम जरूर जाकर गाड़ी की हिस्ट्री जरूर चेक कर लें। इससे न केवल आपको रेगुलर सर्विस की जानकारी मिलेगी वहीं अगर किसी शख्स ने कार मीटर के साथ छेड़छाड़ की है, तो वह भी पकड़ में आ जाएगी।