दरअसल मोबाइल नंबर के लिंक होने से एक्सीडेंट के समय ड्राइविंग लाइसेंस पर दिए गए नंबर का उपयोग करके दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के परिवार वालों तक मदद के लिए पहुंचा जा सकता है।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आदेश के बाद इस ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में मोबाइल नंबर लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसमे इस नए नियम को 1 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है।
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इस तरह से कर सकते हैं लिंक-
नए ड्राइविंग लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को तो आरटीओ लिंक करेगा लेकिन पुरान वाहन के सर्टिफिकेट को आप घर बैठे ऑनलाइन भी अपडेट कर सकते हैं। ऑनलाइन मोबाइल नंबर लिंक करने के लिए आपको केंद्र सरकार के सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की के परिवहन सेवा पोर्टल पर जाना होगा। इसके बाद लॉग इन आईडी बना कर पंजीकरण संबंधित सेवा पर जाकर वाहन के पंजीकरण में मोबाइल नंबर को जोड़ सकते हैं।
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यहां आपको रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर और चेसिस नंबर देना होगा। इसी तरह सारथी कैटेगरी के अंतर्गत ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी सेवाएं पर क्लिक कर अपने ड्राइविंग लाइसेंस में मोबाइल नंबर अपडेट कर सकते हैं।
आपको बता दें कि गुजरात और दिल्ली में ये नियम बहुत पहले से लागू हो चुका है।