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इस वजह से kona पर शिफ्ट हुई सरकार-
टाटा व महिंद्रा की कारों की बजाये इसका उपयोग करने के पीछे का कारण उन कारों की कमियों को बताया जा रहा है। टाटा टिगोर में अचानक से बैटरी कम होने, एसी कूलिंग, पिक-अप तथा चार्ज होने जैसी समस्या आ रही थी, इस वजह से सिर्फ 500 टाटा टिगोर लेने के बाद इसकी खरीदी बंद कर दी गयी है। महिंद्रा से 1000 ई-वेरिटो सरकार द्वारा ली गयी है लेकिन बेकार परफॉर्मेंस व कम माइलेज के चलते इसकी भी खरीदी बंद कर दी गयी है।
हालांकि दोनो कंपनियां इन कमियों से इंकार कर रही है।
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यहां ध्यान देने लायाक बात ये है कि सरकार के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना eecl की जिम्मेदारी है और कहा है कि जबतक कंपनियां अपनी कमियां दूर नहीं करती सरकार उन गाड़ियों का उपयोग नहींम करेगी।
आपको मालूम हो कि hyundai kona की कीमत इन दोनों गाड़ियों से ज्यादा है और ये जुलाई के महीने में ही मार्केट में आई है। पॉवर और परफार्मेंस की बात करें तो इसमें 39.2 kWh की बैटरी लगाई गयी है। जो सिंगल चार्जिंग में 452 किमी का सफर तय कर सकती है।
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वहीं ईईसीएल के एमडी ने हुंडई कोना की तारीफ करते हुए कहा कि कोना की बैटरी अन्य इलेक्ट्रिक कार (टिगोर व ई-वेरिटो) के मुकाबले तीन गुना बड़ी है। यह सिर्फ 40 पैसे/किमी के खर्च पर चलती है।