भारत को गांवों का देश भी कहा जाता है तो जाहिर सी बात है यहां पर ग्रामीण इलाकों की भरमार आज भी है। ग्रामीण इलाकों में किसी भी एसयूवी को चलाना हैचबैक कार को चलाने के मुकाबले में आसान होता है। एसयूवी ज्यादा पावरफुल होती हैं इसलिए सभी तरह के रास्तों पर आसानी से चलती हैं। ग्रामीण इलाकों में रास्ते खराब होते हैं, ऊबड़ खाबड़ होते हैं और कच्चे होते हैं तो ऐसे में हैचबैक कार को चलने में दिक्कत आती है और रास्ते में आने वाले छोटे पत्थर को हैचबैक के लिए रुकावट ही बन जाते हैं। वहीं अगर आप एसयूवी चलाते हैं तो ये ऊबड़ खाबड़ रास्तों से आसानी से गुजर जाती है और पत्थरों के ऊपर भी आसानी से गुजर जाती है।
शहरी इलाकों में हैचबैक कारों को पसंद किया जाता है, लेकिन अब युवाओं के बीच अब एसयूवी का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ने लगा है। एसयूवी में चलना हैचबैक कारों से चलने के मुकाबले ज्यादा पावरफुल होता है। जब भी नेताओं का काफिला गुजरता है तो उसमें अधिकतर एसयूवी ही नजर आती हैं। भारत में लोग नेताओं से बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं और उनको फॉलो करते हैं तो ऐसे में एसयूवी का क्रेज बढ़ना जाहिर सी बात है।
ईंधन भी है एक वजह…
ज्यादातर एसयूवी डीजल ईंधन द्वारा चलती हैं तो ये किफायती साबित होती हैं। एसयूवी में ज्यादा यात्रियों को बैठाने की क्षमता और स्पेस होता है तो ये भी एक वजह है कि एसयूवी की डिमांड ज्यादा बढ़ रही है और इसका क्रेज भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है।