भारत में चलने वाली महली मोटर कार को 1897 में पहली कार कोलकाता में मिस्टर फोस्टर के मालिक क्रॉम्पटन ग्रीवेस ने खरीद थी। इसी के साथ मुंबई शहर में सन् 1898 में चार कारें खरीद गई थी। इन्हीं चार कारों में से एक कार को जमशेदजी टाटा ने खरीदा था। कारों की मदद से एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। देश और दुनिया की जानी-मानी ऑटोमोबाइल कंपनियां एक से बढ़कर एक बेहतरीन कारें लॉन्च करती रहती हैं और अब कारों का डिजाइन शानदार और फीचर्स हाइटेक होते जा रहे हैं।
आज हम इसी के साथ दुनिया की पहली कार की भी बात करेंगे फ्रांस के निकोलस जोसफ कगनोट ने आर्मी की मांग पर 1769 में दुनिया की पहली कार का आविष्कार किया था। दिखने में ये कार काफी शानदार लग रही है, दुनिया की ये पहली कार वैसी नहीं है जैसी आज की कारें होती हैं। इस कार को 1769 में लोगों के सामने पेश किया था। फ्रांस में इस कार का निर्माण सिर्फ आर्मी के लिए किया गया था। ये एक भाप से चलने वाली कार थी, जिसे सड़कों पर बिना किसी अन्य मदद के चलने लायक बनाया गया था। इस कार को मिलिटरी के लिए तैयार किया गया था, ताकि इस पर रखकर वो खुद एक जगह से दूसरी जगह जा सकें और अपना सामान जैसा हथियार, बम और गोले एक जगह से दूसरी जगह लेकर जा सकें।