मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव का कहना है कि इस इलेक्ट्रिक कार की टेस्टिंग की जा रही है और उम्मीद है कि 2020 तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। लेकिन लॉन्चिंग इस पर निर्भर रहेगी कि उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वर्जन के लिए डीजल-पेट्रोल वेरियंट से ज्यादा कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं या नहीं।
दरअसल मारुति वैगन आर के इस वर्जन को मार्केट में उतारने से पहले जानना चाहती है कि कस्टमर्स ज्यादा कीमत और चार्जिंग स्टेशनों की दिक्कत के बावजूद इसे अपनाने के लिए तैयार होंगे या नहीं।’ दरअसल हमारे देश में अभी भी इलेक्ट्रिक कार से रिलेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है।
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महंगी होगी इलेक्ट्रिक वैगन आर ( wagon r) –
वैगन आर वैसे तो भारत की किफायती कारों में गिनी जाती है लेकिन इलेक्ट्रिक अवतार में आने पर इस कार की गिनती सस्ती कारों में नहीं होगी। भार्गव का कहना है,कि ‘अगर हम किसी भी छोटी कार का इलेक्ट्रिक वर्जन लाते हैं, तो उसकी कीमत छोटी कार खरीदने वालों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।’
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हालांकि, सरकार ने Fame (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) इंडिया इनिशिएटिव लॉन्च किया है लेकिन इसके दूसरे फेज में प्राइवेट कस्टमर्स को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर इंसेंटिव देने की बात नहीं की है।
मारुति सुजुकी के मैनेजिंग डायरेक्टर केनिची आयुकावा के मुताबिक जहां नई वैगनआर के पेट्रोल वर्जन का दाम 4.20 से 5.70 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) तक है। मौजूदा नियमों के हिसाब से छोटी कार के इलेक्ट्रिक वर्जन का दाम 12 लाख रुपये तक हो सकता है। वहीं, यानि वैगन आर कोई सस्ती कार नहीं रहेगी।
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चार्जिंग स्टेशन की कमी है सबसे बड़ी समस्या-
भले ही लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हों लेकिन हमारे देश में अभी तक इलेक्ट्रिक कारों के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का होना काफी महत्वपूर्ण है।इसीलिए बार बार सवाल उठता है कि इलेक्ट्रिक कारें लेने के बावजूद उन्हें चार्ज कहां से किया जाएगा।