फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स (FCA), जो अब Stellantis का हिस्सा है, को उत्तरी अमेरिकी बाजार में Roxor ऑफ-रोडर को बेचे जाने से रोकने का एक और मौका मिला है। इस एसयूवी को महिंद्रा ने साल 2018 में अमेरिकी बाजार में लॉन्च किया था और उसके बाद से ही इसके डिज़ाइन को लेकर विवाद चलता आ रहा है। फिएट क्रिसलर ने इस SUV के डिज़ाइन को लेकर साल 2019 और 2020 कानूनी लड़ाई लड़ी थी जिसमें महिंद्रा के खिलाफ फिएट ने मुकदमा जीता था। इसका नतीजा ये रहा कि, महिंद्रा को अमेरिकी धरती पर वाहनों की बिक्री के लिए अपने वाहन को फिर से डिजाइन करने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन अब फिएट इस एसयूवी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहता है।
क्या है विवाद:
Roxor के बाजार में आने के बाद से ही FCA, लगातार इसकी बिक्री को रोकने का प्रयास कर रहा है। कंपनी ने आरोप लगाया था कि, इसका डिज़ाइन Jeep एसयूवी और कंपनी के कुछ अन्य मॉडलों से मिलता-जुलता है। ये मामला साल 2019 में शुरू हुआ जब फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स ने दावा किया कि महिंद्रा ने रॉक्सर को डिजाइन करने के लिए उसे जीप मॉडल और कंपोनेंट्स की नकल की है और मिशिगन में और यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमिशन (आईटीसी) के समक्ष इसके खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
इस मामले में कोर्ट में जाने के बाद FCA को जीत मिली, जिसका नतीजा ये रहा कि महिंद्रा को अपने Roxor एसयूवी के डिज़ाइन में बदलाव करना पड़ा। जिसके बाद महिंद्रा ने इस एसयूवी के डिजाइन में साल 2020 में दो बार परिवर्तन किया, ताकि इसकी सफल बिक्री की जा सके।
अदालत ने क्या कहा:
डेट्रॉइट संघीय अदालत के अंतिम फैसले ने निर्धारित किया कि महिंद्रा के 2020 के अंत के बाद Roxor एसयूवी में जो बदलाव किए गए हैं, उससे उपभोक्ताओं में किसी भी तरह का भ्रम पैदा होने की संभावना नहीं थी, इसलिए कंपनी संसोधित मॉडल की बिक्री कर सकती है। वहीं अदालत ने महिंद्रा को 2020 से पहले बने एसयूवी मॉडलों को बेचने से रोक दिया था। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज गेर्शविन ड्रेन का फैसला आईटीसी के एक फैसले पर आधारित था कि रॉक्सर ने फिएट क्रिसलर के ट्रेडमार्क अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि औसत व्यक्ति को यह देखने से “तुरंत पता चल जाएगा” कि यह जीप नहीं है।
अब, छठे यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने इस फैसले को गलत टेस्ट माना है। छठे सर्किट कोर्ट ने कहा कि, चूंकि महिंद्रा एंड महिंद्रा पहले से ही एक उल्लंघनकर्ता रहा, इसलिए अदालत को इसके लिए एक सख्त मानक तय करने चाहिएं थें। यूएस सर्किट जज हेलेन व्हाइट के तीन-न्यायाधीश पैनल के तर्क के अनुसार, महिंद्रा के नए डिजाइन को जीप के डिजाइनों से सुरक्षित दूरी “Safe Distance” बनाए रखनी चाहिएं थी। वहीं महिंद्रा इस मामले को लेकर आशावादी बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि, हमें आशा है कि मामले का परिणाम पूर्व के फैसलों के अनुकूल होगा जो कि कंपनी के पक्ष में था।