इंडियन मार्केट में होंडा ने इस एसयूवी को बहुत ही जोर-शोर से लॉन्च किया था, शुरुआत में इसकी बिक्री भी काफी बेहतर रही। लेकिन बीते कुछ महीनों से इसकी डिमांड कम होती जा रही है, लेकिन अभी बहुत से ग्राहक हैं जो इस एसयूवी में दिलचस्पी दिखाते हैं। आकर्षक कॉम्पैक्ट लुक, पावरफुल परफॉर्मेंस और होंडा की इंजीनियरिंग के चलते लोग WR-V को बेधड़क रखीदते हैं, लेकिन ताजा क्रैश रिपोर्ट इस एसयूवी की साख में बट्टा लगा रहा है। क्रैश रिपोर्ट में मिलने वाला ये सिंगल स्टार ग्लोबल मार्केट में इस एसयूवी के लिए मखमल में टाट का पैबंद जैसा प्रतीत हो रहा है।
क्या कहती है Latin NCAP क्रैश-टेस्ट रिपोर्ट:
लैटिन एनसीएपी क्रैश टेस्टिंग में, डब्ल्यूआर-वी को 64 किलोमीटर प्रतिघंटा पर फ्रंट ऑफ़सेट डिफॉर्मेबल बैरियर टेस्ट, 50 किलोमीटर प्रतिघंटा पर साइड मोबाइल बैरियर टेस्ट किया गया है। वहीं पैदल यात्री, वयस्क और बच्चे का हेडफॉर्म, 40 किमी प्रतिघंटा की रफ़्तार से बोनट परीक्षण और व्हिपलैश टेस्ट किया गया है। इस टेस्ट के दौरान कार चालक और यात्री के सिर और गर्दन की सुरक्षा अच्छी थी, जबकि छाती ने पर्याप्त सुरक्षा दिखाई और घुटनों के लिए मामूली सुरक्षा देखने को मिली है।
वही साइड इम्पैक्ट की बात करें तो सिर और पेट की सुरक्षा अच्छी थी जबकि छाती की सुरक्षा मामूली थी। इसमें साइड पोल इंपैक्ट नहीं दिखा गया था क्योंकि कार स्टैंडर्ड तौर पर साइड हेड सुरक्षा प्रदान नहीं करती है। व्यस्कों की सुरक्षा के मामले में इसका स्कोर 41 फीसदी है। जब पैदल यात्री सुरक्षा की बात आती है तो लैटिन-स्पेक WR-V ऊपरी और निचले पैर के प्रभाव परीक्षणों में पूर्ण अंक प्राप्त करता है। जब हेड इफेक्ट की बात आती है, तो उसे 24 में से 16.23 अंक मिलते हैं और इसे कुल मिलाकर 59 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
चाइल्ड सीट्स का इस्तेमाल ISOFIX माउंट्स से जुड़ी चाइल्ड प्रोटेक्शन को चेक करने के लिए किया गया था। हालांकि इस एसयूवी ने चाइल्ड सेफ़्टी के मद्देनज़र साइड इफेक्ट के मामले में बेहतर प्रदर्शन जरूर किया है, लेकिन डायनामिक स्कोर में इसे 24 में से सिर्फ 14.64 अंक मिले हैं और सीआरएस इंस्टॉलेशन स्कोर ये एसयूवी 12 में से सिर्फ 5.28 अंक ही प्राप्त कर सकी है। कुल मिलाकर, लैटिन स्पेक WR-V ने चाइल्ड ऑक्यूपेंट सेफ्टी में 41 प्रतिशत स्कोर किया।
क्रैश टेस्ट में दिखता है विरोधाभास:
इस एसयूवी ने लैटिन एनसीएपी क्रैश टेस्ट में सिर्फ 1-स्टार स्कोर किया है। हैरानी की बात ये है कि भारत में मौजूद होंडा जैज़ जिस पर इंडियन नई WR-V बेस्ड है उसने सेफ कार्स फॉर इंडिया कैंपेन के तहत ग्लोबल (NCAP) क्रैश टेस्ट में 4-स्टार स्कोर किया था। इससे यह स्पष्ट है कि भारत और लैटिन अमेरिकी बाजार में बेचे जाने वाले डब्ल्यूआर-वी (या जैज़) के चेसिस और क्रंपल ज़ोन में एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। जैसा कि आमतौर पर अलग-अलग मार्केट के लिए कंपनियां करती हैं। भिन्न बाजारों में एक ही नाम से बेची जाने वाली गाड़ियों अंतर होने की बहुत संभावना होती है।
देश में Bharat NCAP लागू करन की तैयारी:
हाल ही कुछ घटनाओं के चलते केंद्र सरकार देश में बेचे जाने वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र सख्त होती नज़र आ रही है। बीते दिनों सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि उन्होंने भारत NCAP या न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के लिए GSR (सामान्य वैधानिक नियम) अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है। दुनिया भर में अन्य कार क्रैश रिपोर्ट की ही तरह भारत (Bharat NCAP) क्रैश टेस्ट में उनके प्रदर्शन के आधार पर कारों को स्टार रेटिंग देगा। इसके अलावा सरकार आगामी अक्टूबर महीने से देश में 8 सीट वाले वाहनों के लिए 6 एयरबैग अनिवार्य करने के अपने नए नियम को लागू करने की भी तैयारी कर रही है।
बीते दिनों देश के दिग्गज़ उद्योगपति साइरस मिस्त्री की एक दुर्भाग्यपुर्ण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस हादसे न केवल देश को चिंतित किया है बल्कि केंद्र सरकार के भी कान खड़े कर दिए हैं। जिसके बाद नितिन गडकरी एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करते हुए बोला था कि, “अब कार में बैठे सभी लोगों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा। साइरस मिस्त्री के निधन के बाद आज सरकार ने पिछली सीट पर बैठे यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। पिछली सीट के लिए सीट बेल्ट जरूरी है।” उन्होंने कहा था कि, “साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की एक कार दुर्घटना में मौत के कारण, हमने निर्णय लिया है कि वाहनों में भी पीछे की सीटों के लिए सीटबेल्ट बीप सिस्टम होगा।”