ट्रांसपोर्ट कमिश्नर K Padmakumar ने कहा की इस परकार के मॉडिफाइड गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया जाएगा और ड्राईवर के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया जाएगा।
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HID हेडलैम्प्स बेहद तीव्र रौशनी उत्पन्न करते हैं और उनसे कुछ लोग चकाचौंधित हो जाते हैं. इनमें से कई आफ्टरमार्केट हेडलैम्प्स अच्छे से लगाए नहीं जाते, और वो सीधा सामने से आ रही गाड़ी के ड्राईवर की आँखों पर रौशनी फेंकते हैं। इससे बड़े एक्सीडेंट हो सकते हैं। कई निर्माता गाड़ी में HID लैम्प्स ऑफर करते हैं लेकिन ऐसे लैम्प्स को अच्छे से लगाया जाता है और इनमें प्रोजेक्टर लैम्प्स होते हैं जो रौशनी को सीधा सामने से आ रहे ड्राईवर की आँखों की ओर नहीं फेंकते।
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पिछले साल, मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट ने रौशनी मापने वाले मीटर को खरीदने का फैसला किया था ताकि वो उसकी तीव्रता को माप सकें। ऐसे मीटर रौशनी की तीव्रता को बेहद अचूक ढंग से मापते हैं। इन मीटर्स को राज्य के 14 ज़िलों में बांटा गया है और पुलिस को इन्हें इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त ट्रेनिंग भी दी गयी है।
पूरे भारत में केरल में मॉडिफिकेशन का चलन सबसे ज़्यादा है. लेकिन, ट्रैफिक कमिश्नर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बहुत पहले HID के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी।