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बाजार में आई भारी गिरावट की प्रमुख वजह की बात करें तो अमरीका में महंगाई दर बढ़ने के अलावा अमरीकी फेडरल रिजर्व की ओर से मार्च से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ने का असर भी बाजार पर पड़ा है। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की संभावना भी वैश्विक बाजारों के साथ घरेलू बाजार में गिरावट का कारण बन रही है, जो निवेशकों की धारणाओं को प्रभावित कर रही है।
यूक्रेन संकट के चलते कच्चा तेल 7 साल के उच्च स्तर पर जा चुका है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण दोपहर 12:55 बजे एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 2 फीसदी या 1,276 अंक नीचे 56,876 पर था। इस तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है जो भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए एक और झटका है।
पेटीएम का शेयर 3% टूटकर 872 रुपए के नए निचले स्तर पर पहुंच गया है। कंपनी ने 18 नवंबर, 2021 को बाजार में पदार्पण किया था। तब स्टॉक ने 1,961.05 रुपए की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था, लेकिन लिस्टिंग के बाद इसके इश्यू प्राइस को छूने में नाकाम रही है।
वहीं पॉलिसीबाजार का भी शेयर 2 फीसदी नीचे है। जबकि ब्यूटी ई-टेलर नायका की मूल कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स के शेयर इंट्रा-डे ट्रेड में 9 फीसदी की गिरावट के साथ 1,493 रुपए के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गए। यह 27 जनवरी, 2022 को छूए गए 1,571.30 रुपए के अपने पिछले निचले स्तर से नीचे गिर गया है।
खाद्य वितरण कंपनी Zomato के शेयर पिछले दो कारोबारी दिनों में 13 फीसदी गिरकर 82 रुपए पर आ गए। कंपनी का बाजार मूल्य 16 नवंबर, 2021 को 169.10 रुपए के रिकॉर्ड उच्च स्तर पहुंच गया है और अब 51 प्रतिशत नीचे है। स्टॉक अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) की कीमत 76 रुपए प्रति शेयर के करीब है। Zomato ने कहा कि Q3FY22 की तुलना में Q3FY22 में ग्राहक डिलीवरी शुल्क में 7.5 रुपए प्रति ऑर्डर की कमी से प्रेरित था।
अब सबकी निगाहें एलआईसी के आईपीओ पर टिकी हैं। बाजार में यह भी अनिश्चितता है कि LIC का IPO कैसा रहेगा। सरकार अब तक का सबसे बड़ा IPO लेकर आ रही है और फाइनेंशियल सेक्टर में यह सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी होगी।
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