पत्नी के नाम निवेश माना जाता है गिफ्ट
आरएसएम इंडिया के संस्थापक डॉ सुरेश सुराणा ने एफई ऑनलाइन को बताया कि टैक्स नियम कहता है कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर किया गया कोई भी निवेश गिफ्ट माना जाएगा। आयकर अधिनियम (‘आईटी अधिनियम’) की धारा 56 (2) (x) के तहत एक खास रिश्तेदार (जिसमें पति या पत्नी शामिल हैं) से नकद उपहार प्राप्त होने पर टैक्स लागू नहीं होता है।
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रिश्तेदारों से मिले कैश गिफ्ट पर टैक्स
आयकर नियमों के अनुसार रिश्तेदारों से मिलने वाले कैश गिफ्ट पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता है। यह जानना बहुत जरूरी है कि रिश्तेदार के दायरे में कौन कौन आते है। इसमें कहा गया है कि पति या पत्नी, भाई-बहन, पति या पत्नी के भाई या बहन आदि। किसी व्यक्ति का वंशानुगत रिश्तेदार पति या पत्नी का कोई वंशानुगत रिश्तेदार, रिश्तेदारों के दायरे में आते हैं। इनसे मिले कैश उपहार टैक्स फ्री होते है।
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दूसरों से मिले कैश गिफ्ट पर टैक्स
इनकम टैक्स कानून- 1961 की धारा 56(2)(एक्स) के तहत अगर किसी व्यक्ति की ओर से प्राप्त कुल धन एक वित्त वर्ष के दौरान 50,000 रुपए से अधिक हो जाता है तो इस पर टैक्स देना होगा। ऐसी राशि पर अन्य स्रोतों से आय के रूप में टैक्स लगता है।
2 लाख से ज्यादा पर जुर्माना
डॉ सुराणा ने कहा कि सेक्शन 269ST के अनुसार यदि कोई शख्स 2 लाख या अधिक की राशि नकद में प्राप्त करता है, तो उस शख्स पर जुर्माना लगाया जा सकता है। यानि कि इस सेक्शन में पेनल्टी कैश में राशि प्राप्त करने वाले पर लगाई जाएगी। इस प्रकार यह सलाह दी जाती है कि इस तरह के नकद उपहार दो लाख रुपए से कम तक सीमित हों।