क्या होगा Donald Trump के दूसरे कार्यकाल का भारतीय शेयर बाजार पर असर? जानिए इसकी 5 वजहें
Trump 2.0: 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद Donald Trump का पुनः व्हाइट हाउस में प्रवेश हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उनकी दूसरी बार वापसी के बाद से भारतीय शेयर बाजार में कई क्षेत्रों में हलचल देखने को मिल सकती है।
Trump 2.0: 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद Donald Trump का पुनः व्हाइट हाउस में प्रवेश हुआ है, और अब भारतीय शेयर बाजार में निवेशक इस बदलाव के संभावित प्रभावों का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उनकी दूसरी बार वापसी के बाद से भारतीय शेयर बाजार में कई क्षेत्रों में हलचल देखने को मिल सकती है। Donald Trump के संरक्षणवादी दृष्टिकोण और व्यापारिक नीतियों के कारण भारतीय बाजारों पर दबाव पड़ने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में संभावित लाभ भी देखा जा सकता है। इस खबर में हम 5 प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो भारतीय निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
Donald Trump के संरक्षणवादी दृष्टिकोण और ऊर्जा नीति के कारण एशिया (Trump 2.0) में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों पर असर पड़ सकता है। अमेरिका में जीवाश्म ईंधन को बढ़ावा देने वाली नीतियों के कारण, भारतीय सौर और अन्य ग्रीन ऊर्जा कंपनियों को अगले हफ्ते दबाव का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी तेल कंपनियों जैसे Exxon Mobil को इससे लाभ हो सकता है, लेकिन ग्रीन ऊर्जा की दिशा में ठहराव देखा जा सकता है।
रक्षा स्टॉक्स में उछाल
Trump के व्यापारिक युद्धों और टैरिफ नीति के कारण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता आ सकती है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौर में रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में कुछ कंपनियों को लाभ हो सकता है। खासकर भारतीय रक्षा कंपनियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। Anshul Jain, Lakshmishree Investment और Securities के हेड ऑफ रिसर्च, का कहना है कि पारंपरिक रक्षा स्टॉक्स (Trump 2.0) के बजाय तकनीकी-सक्षम रक्षा कंपनियों जैसे ड्रोन और एयरोस्पेस स्टॉक्स में निवेश करना अधिक लाभकारी हो सकता है।
निर्यात-उन्मुख कंपनियों पर दबाव
Trump की संरक्षणवादी टैरिफ नीति (Trump 2.0) से निर्यात-उन्मुख कंपनियों पर दबाव बन सकता है। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और वस्त्र उद्योग जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्र संभावित रूप से प्रभावित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को बड़ी IT कंपनियों और निर्यात-उन्मुख अन्य कंपनियों में ताजे निवेश से बचना चाहिए। हालांकि, यह असर समय के साथ स्पष्ट होगा, लेकिन निर्यात-उन्मुख कंपनियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है।
फिनटेक स्टॉक्स को मिल सकता है फायदा
Trump के कड़े आव्रजन नीतियों (Trump 2.0) के कारण तकनीकी प्रतिभा का प्रवाह एशिया की ओर बढ़ सकता है, जिससे भारत, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में क्षेत्रीय नवाचार हब विकसित हो सकते हैं। इस बदलाव से भारतीय फिनटेक कंपनियों को फायदा हो सकता है। Ross Maxwell, VT Markets के ग्लोबल स्ट्रैटेजी ऑपरेशन्स लीड, का मानना है कि इस बदलाव से फिनटेक कंपनियों के लिए अच्छा अवसर उत्पन्न हो सकता है। निवेशकों को फिनटेक स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये क्षेत्र आगामी समय में तेजी से विकसित हो सकते हैं।
Donald Trump के साथ चीन से अमेरिकी व्यापार (Trump 2.0) संबंधों में तनाव बढ़ने के कारण, कंपनियां चीन से भारत, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसी देशों की ओर स्थानांतरित हो सकती हैं। यदि चीन के साथ व्यापार संबंधों में और अधिक बाधाएं आती हैं, तो भारत में विनिर्माण क्षेत्र का विकास तेज हो सकता है, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिवहन और विशेष रूप से रेलवे सेक्टर में वृद्धि हो सकती है। Anshul Jain का कहना है कि भारत के रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर स्टॉक्स (Trump 2.0) को इस अवधि में तेजी से बढ़ने का अनुमान है, और ये कंपनियां निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती हैं।
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