नेचर से तुलना करते हुए डॉ. मालू ने शेयर मार्केंट के बारे में बताया-
डॉ. रमेश मालू ने शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव की मौसम से तुलना करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रकृति ने तीन मौसम सर्दी, गर्मी और बारिश बनाए हैं वैसे ही शेयर बाजार में भी तीन मौसम होते हैं- तेजी, मन्दी और सुस्ती। सुस्ती का मतलब है कि जब लम्बे समय तक शेयर बाजार एक दायरे में रहता हैं और ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है।
डॉ. मालू ने कहा कि प्रकृति में मौसम बदलने का नियम समयानुसार है और इसकी भविष्यवाणी काफी सटीकता से की जा सकती है, लेकिन शेयर बाजार में ऐसा नहीं होता। यहां तेजी, मन्दी या सुस्ती की समयावधि का अंदाजा लगाना मुश्किल है, इसलिए निवेश पूर्व शेयर बाजार की समझ होना जरूरी है।
डॉ. मालू बोले- नये निवेशक छोटे बच्चे की तरह-
डॉ. मालू ने शेयर बाजार के नए निवेशकों की तुलना एक छोटे बच्चे से की। उन्होंने कहा कि जैसे एक छोटे बच्चे को यह समझ नहीं आता है कि सर्दी/गर्मी/वर्षा ऋतु हमेशा बदलती रहेगी और वह सर्दी के मौसम में ऐसा मान लेता है कि हमेशा सर्दी ही बनी रहेगी और जब ऋतु परिवर्तन होता है तो शरीर अभ्यस्त न होने के कारण वह बीमार पड़ जाता है।
वैसे ही शेयर बाजार में नया निवेशक भी बाजार के इस परिवर्तन के स्वभाव से अन्जान होने के कारण तेजी में यह मान लेता है कि हमेशा तेजी ही बनी रहेगी और शेयर बाजार में मंदी आने पर अपना नुकसान कर बैठता है।
एसआईपी- एक निश्चित रकम को हर माह म्यूचुअल फंड में निवेश करना-डॉ. मालू ने कहा कि शेयर बाजार में होने वाले इन सब उतार-चढ़ाव और परिवर्तन से निपटने का एक सुगम और सरल उपाय है- म्यूचुअल फंड और एसआईपी।
हर महीने एक निश्चित तारीख को एक निश्चित रकम को म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने को एसआईपी कहते है। इसमें मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव के हिसाब से कम या ज्यादा यूनिट्स मिलने से खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है।
मालू इंवेस्टवाइस प्रा.लि. के डायरेक्टर ने कहा कि एसआईपी शेयर बाजार में निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है जो निवेशक को तेजी और मंदी में होने वाले भावनात्मक उतार-चढ़ाव से भी बचाता है, शेयर बाजार में अपना निवेश लंबे समय तक बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है, जिससे एक आम निवेशक को लंबे समय में एक बहुत बड़ी रकम तैयार करने में मदद मिलती है।
500 रुपए से भी शुरू किया जा सकता है एसआईपी
म्यूचुअल फंड में एसआईपी किसी भी व्यक्ति की फाईनेंशियल गोल प्लानिंग का एक मजबूत आधार स्तंभ है, जो 500 रुपए जैसी छोटी रकम से भी शुरू कर सकते हैं। एसआईपी के द्वारा जुटाई गई रकम परिवार में होने वाले बड़े खर्चों जैसे बच्चों की शिक्षा, विवाह, इत्यादि में बड़ी मददगार साबित होती है। साथ ही साथ रिटायरमेंट के बाद पेंशन का भी काम करती हैं।
उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति पांच साल की एसआईपी करता है तो हो सकता है कि तेजी और सुस्ती के 40 महीनों में खरीद पर निवेशक को कोई खास लाभ नहीं हो रहा हो, लेकिन इस बीच मंदी के 20 महीनों की खरीद पूरे निवेश को बेहतर फायदे में परिवर्तित कर देती है।
हौसला और अनुशासन आपके जीवन को बनाएगा बेहतर
डॉ. मालू ने अंत में कहा कि इसलिए शेयर बाजार में अच्छा लाभ कमाने के लिए तीनों मौसम, तेजी, मंदी और सुस्ती में हौसला बनाए रखें और निवेश करते रहें। जीवन में यह निवेश का अनुशासन ही आपको और आपके परिवार को आर्थिक रूप से स्वस्थ और सुदृढ़ बनाए रखेगा। आपके फाइनेंशियल उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगा और आपके परिवार के लिए वैल्थ क्रिएशन करेगा।