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Budget 2019: वित्त मंत्री का महंगाई पर नियंत्रण नहीं निमंत्रण! पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं

Petrol Diesel Price After Budget 2019 बढ़ाएंगे महंगाई
पेट्रोल-डीजल के दाम में 1 रुपये बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी
इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड ऑयल के दामों में कटौती देखने को मिली है

Jul 05, 2019 / 09:08 pm

Saurabh Sharma

Budget 2019

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नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने अपना पूर्णकालिक बजट देश के सामने रख दिया है। इस बजट की सबसे बड़ी घोषणाओं में पेट्रोल और डीजल के दामों ( petrol diesel prices ) में 1-1 रुपया की एक्साइज ड्यूटी ( exice duty ) बढ़ाना है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के पीछे वित्त मंत्री की ओर से तर्क दिया गया है कि इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड ऑयल के दामों में कटौती देखने को मिली है। इसलिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पेट्रोल और डीजल के महंगा होने से आम आदमी की जिंदगी पर किस तरह के साइड इफेक्ट होंगे।
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3 रुपए तक महंगा हो जाएगा पेट्रोल और डीजल

पेट्रोल अैर डीजल की एक्साइज ड्यूटी में 1-1 रुपया बढ़ाने की घोषणा हुई है। इसके बाद पेट्रोल और डीजल के दामों के महंगा होने के आसार बढ़ गए हैं। आंकड़ों की बात करें तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 3 रुपए प्रति लीटर तक ईजाफा हो सकता है।
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एंजेल कमोडिटी एंड रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि बजट में यह सबसे बड़ी घोषणाओं में से एक है। इसका असर के देश के हर वर्ग पर पड़ेगा। मौजूदा समय में सामान्य पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 19.48 रुपए है।
1 रुपया अतिरिक्त बढऩे के बाद यह 20.48 रुपए हो जाएगी। वहीं, बात डीजल की करें तो मौजूदा समय में सामान्य डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 15.33 रुपए है। इजाफे के बाद डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 16.33 रुपए हो जाएगी।
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मौजूदा समय में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 70.51 रुपए प्रति लीटर है। वहीं, डीजल की कीमत 64.33 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं।
बढ़ जाएगा ट्रांसपोर्ट का किराया

पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे तो सार्वजनिक वाहनों में सफर का किराया बढ़ जाएगा। फिर चाहे बस, ऑटो, टैक्सी और ट्रेन का ही किराया क्यों न हो। इन सब के किराये में इजाफा होगा।
डीजल की कीमत बढ़ेगी तो इन सब के किराये में ईजाफा होने की उम्मीद बढ़ जाती है। खास बात तो यह है कि इस बार यह इजाफा सरकार की ओर से बजट में किया गया है।
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खाने-पीने के सामान की कीमतों में इजाफा

आम आदमी को दूसरा सबसे बड़ा नुकसान आम चीजों की कीमतों से होता हैै। खासकर सब्जियों और फलों की कीमतों में इजाफा देखने को मिलता है।
पिछले महीने आए आंकड़ों की मानें तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में थोक और खुदरा सब्जियों के भाव में 40 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ था। अब एक बार फिर से सब्जियों और फलों के महंगे होने के आसार बढ़ गए हैं।
माल भाड़़े में इजाफा

जहां पेट्रोल और डीजल की कीमत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया बढ़ता है, वहीं दूसरी ओर इसका असर माल भाड़े पर भी पड़ता है।

खासकर डीजल की कीमत बढऩे से माल भाड़े में असर पड़ता है। वास्तव में कमर्शियल ट्रांसपोर्ट कंपनियां जो भारी सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में लेकर आते-जाते हैं उनके किराये में वृद्घि हो जाती है।
वहीं, रेलवे की मालगाडिय़ों के भाड़े में इजाफा होता है। इससे चीजों की कीमतों में बढ़ाकर आम जनता से ही वसूला जाता है।

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प्रोडक्शन कॉस्ट में हो जाती है वृद्घि

पेट्रोल और डीजल के महंगा होने से प्रोडक्शन कॉस्ट में भी इजाफा होता है। वास्तव में जब भी कोई सामान किसी फैक्ट्री में तैयार होता है। बाजार में जाने से पहले की उस वस्तु की कीमत प्रोडक्शन कॉस्ट ही कहलाती है।
जब पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ती है तो प्रोडक्ट के रॉ मटीरियल को लाने और ले जाने की कॉस्ट भी प्रोडक्शन कॉस्ट में जोड़ी जाती है।

जितना प्रोडक्शन ज्यादा उस प्रोडक्ट की ओपन मार्केट में कॉस्ट भी ज्यादा होगी।
महंगाई की मार

पेट्रोल और डीजल की कीमत का सीधा असर महंगाई से होता है। जब-जब पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे तब-तब महंगाई भी बढ़ती है।

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इसका असर कुछ दिनों के बाद आम आदमी पर दिखाई देता है। वास्तव में डीजल की कीमत महंगाई पर सबसे बड़ा असर डालती है। डीजल की बढ़ती कीमतें ही महंगाई के इजाफे में मुख्य कारक का काम करती है।
आपको बता दें कि ऑयल कंपनियां भी डीजल की कीमत को कम रखने की कोशिश करती हैं। ताकि देश में महंगाई सामान्य रहे। लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाकर खुद महंगाई बढ़ाने का काम किया है।

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