1 जुलाई से कई बदलाव, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
पैदावार बेहतर, डिमांड कमजोर
जयपुर किराना एंड ड्राई फ्रूट्स कमेटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में इस बार काजू की पैदावार बहुत अच्छी है, जबकि इसके अनुरुप काजू की उपभोक्ता मांग नहीं है। परिणामस्वरूप काजू एवं काजू टुकड़ी में गिरावट बन गई है। पर्याप्त मांग नहीं होने से काजू कारखानों में 25 फीसदी ही उत्पादन हो रहा है। मंदी के चलते कई फैक्ट्रियां तो बंद हो गई हैं। निरंतर गिरावट को देखते हुए दक्षिण भारत की काजू एसोसिएशनों ने 15 से 30 दिनों तक काजू कारखानों को शट डाउन करने की अपील की है। लिहाजा बाजार में मांग और आपूर्ति को बैलेंस किया जा सके।
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काजू फैक्ट्रियां बंद करने का निर्णय
अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में काजू के ये भाव काफी नीचे चल रहे हैं। काजू फैक्ट्रियां यदि बंद करने का निर्णय करती हैं तो काजू में फिर से मजबूती बन सकती है। काजू में भारी मंदी को देखते हुए केश्यू एसोसिएशनों ने 1 जुलाई से 31 जुलाई 2023 तक काजू इकाइयों के मालिकों से कारखाने बंद रखने की गुजारिश की है। पूर्व में भारत को काजू उत्पादन की गुणवत्ता के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रीमियम कीमत मिलती थी। मगर अब तैयार काजू के बढ़ते आयात और अपेक्षाकृत कम कीमतों पर भारतीय काजू के ब्रांड के तहत फिर से निर्यात किए जाने के साथ कम गुणवत्ता और कम कीमतों पर उपलब्धता के कारण घरेलू रूप से उत्पादित काजू इन दिनों काफी सस्ता बिक रहा है।